तीन फरवरी से शुरू होगा रेशम सखियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम
Lucknow News - राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और रेशम विभाग मिलकर प्रदेश के छह जनपदों में रेशम उत्पादन कार्यक्रम लागू करेंगे। 3 से 20 फरवरी तक महिलाओं को रेशम उत्पादन की आधुनिक तकनीकों और प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया...
-रेशम उद्योग बना ग्रामीण महिलाओं की आजीविका का नया साधन -राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से 6 जिलों में कार्यक्रम लागू करेगा रेशम विभाग
लखनऊ, विशेष संवाददाता
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और रेशम विभाग मिल कर प्रदेश के छह जनपदों के 25 विकास खंडों में रेशम उत्पादन कार्यक्रम को लागू करेगा। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मिशन स्टाफ और रेशम सखियों के लिए क्षेत्र भ्रमण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के लिए 3 फरवरी से 20 फरवरी के मध्य एक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार किया गया है। इस दौरान विभिन्न चरणों में महिलाओं को रेशम उत्पादन की आधुनिक तकनीकों और प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण न केवल उनके कौशल को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें उद्योग की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार तैयार भी करेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में महिलाओं की आजीविका को सशक्त बनाने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाई हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। रेशम उत्पादन के अलावा, सरकार हस्तशिल्प, कृषि आधारित उद्योगों और स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन के लिए भी कई योजनाओं पर काम कर रही है। हाल ही में आयोजित 'अकांक्षा हाट-2024' ने इन प्रयासों को और मजबूत किया है। इस हाट के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रदर्शित किया गया। इस तरह की पहल से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं को अपनी प्रतिभा को पहचानने और आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिलेगा।
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