वर्ष 2030 तक 40 फीसदी लोगों को झेलना होगा पानी का संकट-डॉ. राजीव
Lucknow News - -बीबीएयू में जलवायु परिवर्तन पर संगोष्ठी का आयोजन लखनऊ, कार्यालय संवाददाता जलवायु परिवर्तन के लिए
-बीबीएयू में जलवायु परिवर्तन पर संगोष्ठी का आयोजन लखनऊ, कार्यालय संवाददाता
जलवायु परिवर्तन के लिए प्राकृतिक एवं सामाजिक कारक जिम्मेदार हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण अव्यवस्थित मानव खाद्य शृंखला, पोषक तत्वों की कमी, 2030 तक किसानों का अत्यधिक गरीबी रेखा से नीचे आना, 40 प्रतिशत जनसंख्या के लिए पानी की कमी जैसे बदलाव देखने को मिलेंगे। ये बातें बीबीएयू में आयोजित जलवायु लचीले समाज का निर्माण: मुद्दे और चुनौतियां विषयक गोष्ठी में इंडियन काउंसिल ऑफ फोरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन के डॉ.राजीव पाण्डेय ने कहीं।
ऑनलाइन जुड़े बीबीएयू कुलपति प्रो.एनएमपी वर्मा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर सिर्फ वैश्विक स्तर पर न देखकर निजी स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। प्रकृति हमारी मां के समान है। इसे संरक्षित करने का काम इंसानों का ही है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रो.निजामुद्दीन खान ने कहा कि आज के समय में जलवायु परिवर्तन से भारत सहित पूरी दुनिया में बाढ़, सूखा, कृषि संकट एवं खाद्य सुरक्षा, बीमारियां, प्रवासन आदि का खतरा बढ़ा है। जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पादन में कमी, कृषि योग्य परिस्थितियों में कमी, तापमान अनियमितता और वर्षा के पैटर्न के बदलाव देखने को मिले हैं।
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