संभल को लेकर परिषद में सत्ता पक्ष-विपक्ष भिड़े
Lucknow News - संभल दंगा सपा सांसद और विधायक के बीच वर्चस्व की लड़ाई के कारण हुआ है। विपक्ष ने पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की, जबकि केशव प्रसाद मौर्य ने पुलिस को क्लीन चिट दी। उन्होंने कहा कि सपा...
-संभल दंगा सपा के सांसद-विधायक के बीच वर्चस्व की लड़ाई के कारण हुआ: केशव -विपक्ष ने की पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग, आसन के सामने धरने पर बैठे
लखनऊ। विशेष संवाददाता
संभल प्रकरण को लेकर सोमवार को विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई। विपक्ष ने भाजपा पर राजनैतिक लाभ के लिए संभल में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। पुलिस के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। जवाब में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने संभल में हुई घटना को सपा सांसद और विधायक के बीच वर्चस्व की लड़ाई करार दिया। उन्होंने पुलिस प्रशासन को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुलिस ने न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराया। यदि मौके पर पुलिस न होती तो न जाने कितने लोग मारे जाते। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपाई सदस्य वेल में आ गए। वे आसन के सामने जमीन पर धरने पर बैठ गए।
इससे कुछ देर सदन की कार्यवाही प्रभावित हुई। इस बीच सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह के कहने पर कुछ देर बाद सभी सदस्य अपनी सीटों पर पहुंच गए और कार्यवाही फिर से शुरू हुई। प्रश्नकाल के बाद सपाई सदस्यों बलराम यादव, राजेंद्र चौधरी, लाल बिहारी यादव, आशुतोष सिन्हा, डा. मान सिंह यादव, शाह आलम और मो. जासमीन अंसारी ने नियम -105 के तहत संभल का मामला उठाते हुए कार्यवाही रोककर चर्चा कराने की मांग की।
एक मामले में लिखीं 6 एफआईआर: लाल बिहारी
नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव ने कहा कि सांसद जियाउरहमान बर्क बैंगलौर में थे, मगर उनका नाम भी एफआईआर में शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि एक ही समय पर हुई किसी घटना के लिए अलग-अलग एफआईआर नहीं लिखी जा सकतीं। मगर संभल मामले में छह एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने एफआईआर में शामिल अज्ञात के नाम पर लोगों से अवैध वसूली का आरोप लगाया। शाह आलम ने कहा कि 700 साल पहले किसी ने क्या किया, उसका जवाब आज माइनारिटी के लोगों से मांगा जा रहा है।
मोदी-योगी राज में यूपी दंगामुक्त प्रदेश: केशव
जवाब देते हुए नेता सदन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा सदस्यों द्वारा खुलेआम मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम पर जिस तरीके से इस मामले को उठाया गया है, वह निंदनीय है। सपा और कांग्रेस के गठबंधन की गांठ खुल चुकी है। अखिलेश यादव और कांग्रेस ने अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल भेजती है। हम यूपी में शांति चाहते हैं और यह माहौल खराब करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने उपलब्धियों का स्वर्णिम कालखंड रचा है। यहां दंगा करने वाला बख्शा नहीं जाएगा।
केशव ने कहा कि यूपी की कानून-व्यवस्था सुदृढ़ है। दंगामुक्त प्रदेश है। किसी परिवार का सदस्य मारा जाता है तो वो दु:खद होता है। मगर जो मारे गए वो क्यों मारे गए, किसने मारा। उन्होंने कहा कि यह सपा के सांसद और सपा विधायक के बीच वर्चस्व की जंग में दोनों लोगों ने गोलियां चलवाई। पुलिस ने तो जान की बाजी लगाकर तमाम लोगों को मरने से बचाया। जिनकी सराहना होनी चाहिए, आप उन्हें आरोपित कर रहे हैं। यह गलतफहमी सब निकाल दें कि कोई गलत करेगा तो भाजपा की सरकार में कार्यवाही से बच नहीं पाएगा।
नेता सदन ने कहा कि विपक्ष के लोग न्यायपालिका पर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं। जो सर्वे करने गए थे, वो कोर्ट के आदेश से गए थे। संभल की रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि सपा सांसद ने कहा कि वहां सर्वे न होने पाए। वहां बवाल करने क्यों गए। पुलिस के पास या कोर्ट जाते। पुलिस प्रशासन वहां न्यायालय के आदेश का पालन कराने गया था। संभल में 46 साल से पुराना मंदिर मिला। वहां फर्जी पावर हाउस बनाकर पूरे मोहल्ले को बिजली दी जा रही थी। उसकी भी आलोचना करते। पर ऐसा करते तो आपका वोट बैंक खुश नहीं होता।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर तैयार हो गया। मगर आपने क्या किया केवल रामभक्तों का खून बहाया। वहां की धरती को लाल कर दिया। देश में जनता ने तीसरी बार मोदी सरकार बनाई है। कुंदरकी में 65 फीसदी मुस्लिम वोट होते हुए भाजपा वहां 1.45 लाख वोटों से जीती। सपा अपने लिए खुद गड्डा खोद रही है। आपको जनता 2014 से लगातार नकार रही है। उन्होंने कहा कि दंगाइयों को पालना सपा का चरित्र है। संभल में पाकिस्तान में बने कारतूस मिले तो क्या कार्रवाई नहीं होगी।
संघ के नाम पर जताई आपत्ति
सपा सदस्य डा. मान सिंह यादव ने कहा कि भाजपा सरकार संविधान विरोधी है। उन्होंने कहा कि यह देश संविधान से चलेगा, संघ के विधान से नहीं चलेगा। इस पर भाजपा के सदस्यों सुरेंद्र चौधरी, जयपाल सिंह व्यस्त ने आपत्ति की। नेता सदन केशव मौर्य ने अपने भाषण में कहा कि राष्ट्रभक्त आरएसएस और बजरंग दल जैसे संगठन तो सपाइयों को दिखते हैं लेकिन आतंकी साजिश करने वाले नहीं दिखते।
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