सहकारी बैंकों के विलय के विरोध में सहकार भारती, वेबिनार आज
सहकारिता क्षेत्र में काम करने वाले संगठन सहकार भारती ने राज्य में सहकारी बैंकों के विलय के विरोध में उतर आई है। सहकार भारती ने एक सितम्बर मंगलवार को शाम पांच बजे वेब सेमिनार का आयोजन किया है। इस...
राज्य मुख्यालय। प्रमुख संवाददातासहकारिता क्षेत्र में काम करने वाले संगठन सहकार भारती ने राज्य में सहकारी बैंकों के विलय के विरोध में उतर आई है। सहकार भारती ने एक सितम्बर मंगलवार को शाम पांच बजे वेब सेमिनार का आयोजन किया है। इस वेबिनार में भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे तथा सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री उदय जोशी मुख्य वक्ता होंगे। सहकार भारती उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री प्रवीण सिंह जादौन ने यह जानकारी दी है। बताया है कि पिछले वर्षों नाबार्ड ने दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन संरचना में कार्य कर रहे उ.प्र.सहकारी ग्राम विकास बैंक, यूपी कोआपरेटिव बैंक तथा जिला सहकारी बैंको के विलय का प्रस्ताव सरकार को दिया था। इसके लिए गठित कमेटी द्वारा दीर्घकालीन संरचना में काम कर रहे उ.प्र.सहकारी बैंक को विलय प्रकिया से बाहर करने से नाबार्ड की मंशा विफल हो गई। साख सहकारिता का ढांचा त्रि-स्तरीय है, जिसमें धरातल पर प्राथमिक सहकारी साख समिति, जिला स्तर पर केंद्रीय सहकारी बैंक और राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंक स्थापित हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार जिला सहकारी बैंकों व यूपी कोऑपरेटिव बैंक का विलय कर उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गठित करेगी तो इससे जिला सहकारी बैंकों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। यह सहकारिता क्षेत्र के लिए उचित नहीं है। इन बैंकों के समाप्त होने से सहकारिता कमजोर होगी। सहकार भारती उत्तर प्रदेश जिला सहकारी बैंकों के विलय का विरोध करती है इसीलिए सहकार भारती इस मुद्दे पर राज्य सरकार के सामने खड़ी हो गई है। संगठन द्वारा आंदोलन कर सरकार को यह निर्णय वापस लेने के लिए विवश किया जाएगा।
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