प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर 'गदर' के नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर 'नेक्सस' के सरगना को पकड़ा है। अब 'गदर' सॉफ्टवेयर के नेटवर्क को ध्वस्त करने की योजना है। आरपीएफ ने अहमद अली को गिरफ्तार किया, जिसके पास 116 आईडी और कई...
प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकटों में हो रही सेंधमारी पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीम को महत्वपूर्ण कामयाबी मिली है। आरपीएफ ने पहले प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर 'नेक्सस' के गिरोह के सरगना को पकड़ा। अब दूसरे प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर 'गदर' के नेटवर्क को भी ध्वस्त करने की योजना बन रही है। आरपीएफ का दावा है कि जल्द ही इसके डेवलपर को भी पकड़ लिया जाएगा। गदर सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर तत्काल टिकट बनाने वाले अहमद अली नाम के युवक को आरपीएफ ने 14 नवंबर को गिरफ्तार किया था। इसके पास से आईआरसीटीसी की 116 पर्सनल आईडीकी बरामद हुई थी। साथ ही उसके पास से कई ई-टिकट भी बरामद हुए थे। इस मामले में पूछताछ के दौरान गदर सॉफ्टवेयर के डेवलपर का नाम सलमान के रूप में सामने आया है। इसको डुमरियागंज का बताया जा रहा है। आरपीएफ ने इस मामले में अपने मुखबिरों को अलर्ट कर दिया है। साथ ही खुद भी लगी हुई है। माना जा रहा है कि इसके डेवलपर को जल्द पकड़कर गदर सॉफ्टवेयर के नेटवर्क को भी ध्वस्त किया जाएगा। गौरतलब है कि आरपीएफ ने बुधवार को प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर नेक्सस के सरगना कृष्ण दास को पकड़ा था। आरोपी कृष्ण दास पश्चिम बंगाल के कुकुरदाहा पश्चिमी मेदिनीपुर का रहने वाला है।
आईआरसीटीसी भी संदिग्ध आईडी पर रख रहा नजर
आईआरसीटीसी भी संदिग्ध गतिविधियों वाले आईडी पर नजर रख रहा है। आरपीएफ की टीम लगातार आईआरसीटीसी से भी इनपुट ले रही है। जिससे कि रेलवे के कन्फर्म टिकटों की कालाबाजारी करने वाले लोगों पर नजर रखी जा सके।
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