बढ़ते तापमान से दवाएं खराब होने का खतरा
Lucknow News - बढ़ते तापमान से दवाओं की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि दवाओं को ठंडी जगह पर रखना चाहिए और उच्च तापमान के संपर्क में आने से बचाना चाहिए। इसके साथ ही,...

बढ़ता तापमान, लू जहां इंसानों के लिए घातक साबित हो सकती है, वहीं जीवनरक्षक दवाओं के लिए भी घातक हो सकती है। लिहाजा दवाओं के रखरखाव व लाने ले जाने में खास सावधानी बरतें। चूक से दवाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। दवाएं बेअसर तक हो सकती हैं। यह जानकारी फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने दी। वह शुक्रवार को सिविल अस्पताल के प्रेक्षागृह में बढ़ते तापमान का दवाओं पर प्रभाव विषय पर सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इस संबंध में फेडरेशन ने सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि बढ़ता तापमान दवा उत्पादन, आपूर्ति के लिए चुनौती बन गया है। एम्बुलेंस में दवा की किट रखी जाती है। कुछ लोग कार में भी दवाएं रखते हैं। दवाओं को सीधे धूप से दूर ठंडी जगह पर रखें। बाथरूम और किचन में दवाओं को रखने से बचें। इंसुलेटेड कंटेनर का उपयोग करें। दवा भंडारण क्षेत्र की नियमित जांच करें। स्टोरों को वातानुकूलित रखें। स्टोर की खिड़कियों से दवाएं दूर रखी जाएं। परदे पूरी तरह बंद हों। स्टोर का तापमान नियमित चेक हो।
फेडरेशन के वैज्ञानिक विंग के अध्यक्ष नई दिल्ली एम्स के डॉ. हरलोकेश यादव ने कहा कि फेडरेशन बढ़ते तापमान का दवाओं की गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित है। अधिकांश ओटीसी और प्रिस्क्रिप्शन दवाओं में सक्रिय रसायन उच्च तापमान पर तीव्र प्रतिक्रिया करते हैं। बहुत लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहने से दवा खराब हो सकती है। सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। यदि आपकी दवा लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रही है, तो इसका उपयोग करने से पहले अपने फार्मासिस्ट या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करना जरूरी है।
तापमान से खराब दवाओं के लक्षण
गोलियां आसानी से टूट जाती हैं
जेल कैप आपस में चिपक जाते हैं
दवाओं के स्वाद व गंध में बदलाव
दवा का रंग फीका पड़ना
दवा में धब्बे आना
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