बारिश--बारिश में राजाजीपुरम, मवैया समेत कई इलाकों की मुसीबत बढ़ाएगा हैदर कैनाल
1090 चौराहे पास बन रही एसटीपी ने नाले की सफाई का काम बाधित कर दिया
1090 चौराहे पास बन रही एसटीपी ने नाले की सफाई का काम बाधित कर दिया
जमा है कई कुंतल कूड़ा, बारिश में शहर की जलनिकासी होगी बाधित
लखनऊ। प्रमुख संवाददाता
बारिश में हैदर कैनाल से मुसीबत बढ़ सकती है। पिछली बार की तरह इस बार भी नाले के ऊफनाने संभावना प्रबल है क्योंकि 1090 चौराहे पास बन रही एसटीपी ने नाले की सफाई का काम बाधित कर दिया है। पिलर व दीवारों की निकली सरिया से न तो मशीन पहुंच पा रही है और न मजदूर सफाई करने के तैयार हो रहे हैं। नाले के मुहाने पर कई कुंतल कूड़ा फंसा हुआ है। ऐसे में मूसलाधार बारिश हुई तो राजाजीपुरम तक की जल निकासी प्रभावित होनी तय है। पिछले वर्ष भी नाला उफनाने से राजाजीपुरम तक लोगों को जलभराव का सामाना करना पड़ गया था।
इस नाले की लम्बाई लगभग 13 किलोमीटर है और इसकी सफाई बड़ी मशीनों से होती है। नगर निगम का दावा है लगभग 80 प्रतिशत सफाई काम पूरा पूरा हो गया है लेकिन सबसे ज्यादा मुसीबत 1090 चौराहे के पास दिख रही है। एसटीपी के काम के कारण नाले की चौड़ाई बहुत कम हो गई है। जल निकासी के लिए छोटी सी जगह छोड़ी गई है। नदी में कूड़ा जाने से रोकने के लिए जाली लगाई गई है। यहां पर कई कुंतल कूड़ा फंसा हुआ है।
इन इलाकों में होगी मुसीबत
यह नाला हरदोई रोड से शुरू है। यह राजाजीपुरम, पारा, मवैया, ऐशबाग, चारबाग, केकेसी, सदर, राजभवन, कालीदास मार्ग होते हुए गोमती नदी तक पहुंचता है। नाले के उफनाने से इन इलाकों की जल निकासी भी बाधित हो जाएगी। ऐसे में लोगों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ जाएगा।
पीछे से नाला पूरी तरह साफ हो गया है। 1090 के पास एसटीपी के काम के कारण मशीन पहुंचने में दिक्कत है। अब यहां बड़ी मशीन के साथ मजदूरों को भी लगाना पड़ेगा। सफाई का काम शुरू करा दिया गया है।
अमित कुमार, अपर नगर आयुक्त
दो दिन की बारिश ने नाला सफाई की खोली पोल
नाले-नालियां चोक होने से सड़क से गलियां तक रहीं जलमग्न
लोगों के घरों से पानी निकलने में चार से पांच घंटे लग गया
लखनऊ। प्रमुख संवाददाता
नगर निगम का दावा है कि ज्यादातर नाले पूरी तरह साफ हो चुके हैं। कुछ नालों की महज दस से 30 प्रतिशत ही सफाई काम बचा है। नालियों की सफाई भी 50 प्रतिशत तक पूरी हो गई है। लेकिन दो दिन की बारिश ने नगर निगम के इस दावे की पोल खोल दी। सड़क से लेकर गलियां तक जलमग्न हो गईं। लोगों के घरों में पानी घुस गया। पानी निकलने में चार से पांच घंटे लग गया। स्थिति देखकर लोगों को अभी से डर सताने लगा है। मानसून की बारिश में जलभराव की भीषण समस्या की आशंका नजर आ रही है।
सबसे ज्यादा खराब स्थिति छोटी नालियों की है। हकीकत में महज 30-35 प्रतिशत ही नालियां साफ हो सकी हैं। हालांकि नगर निगम ने 31 मई तक नालियों की सफाई का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बार बजट में नालियों की सफाई का प्रावधान न होने से कार्यदायी संस्थाओं के जिम्मे है। लिहाजा काम बहुत धीमी गति से हो रहा है। पिछले दिनों नगर आयुक्त ने नालियों की सफाई की हकीकत भी देखी थी। अयोध्यादास वार्ड में उनको नालियां बजबजाती मिली थीं।
नालों में समाई सिल्ट
नालियों की सफाई के बाद सिल्ट उठान में लापरवाही भारी पड़ गई। नाले-नालियों से निकाली गई सिल्ट दो से तीन उठाने का सख्त निर्देश है। लेकिन ज्यादातर स्थानों पर कई दिनों से सिल्ट पड़ी हुई थी। दो दिन की बारिश में पूरी सिल्ट फिर नालियों में समा गई। इससे 30-35 प्रतिशत सफाई भी बर्बाद हो गई। साफ हुई नालियां फिर से कूड़े से पट गईं।
असंभावित बारिश थी। कार्यदायी संस्थाओं की लापरवाही से सिल्ट उठान समय पर नहीं हो सकी। सफाई कार्य उन्हीं को करना है। नालियों को दोबारा साफ कराया जाएगा। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम होगा। 31 मई तक हर हाल में सफाई कार्य पूरा करना है।
अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त
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