अवसर खुद चलकर नहीं आते, उन्हें निकालना पड़ता: प्रो. राव
Lucknow News - लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग में साउथ पैसिफिक यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रोफेसर पुरुषोत्तम टी. राव ने व्याख्यान दिया। उन्होंने रामायण का उदाहरण देकर बताया कि अवसर खुद नहीं आते,...
- एलयू में साउथ पैसिफिक यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रोफेसर पुरुषोत्तम टी. राव ने व्याख्यान दिया लखनऊ, संवाददाता।
लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग में साउथ पैसिफिक यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया के मनोविज्ञान विभाग के पूर्व प्रोफेसर पुरुषोत्तम टी. राव ने व्याख्यान दिया। प्रो. राव ने अपनी जीवन यात्रा का वृतांत प्रस्तुत किया। उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए समझाया कि अवसर हमारे पास खुद चलकर नहीं आते, बल्कि हमें अवसरों को निकालना पड़ता है। प्रो. राव ने कहा कि रामायण 'राम' और 'अयण' से मिलके बना है। यहां अयण का अर्थ यात्रा है। इसलिए रामायण का शब्दिक अर्थ राम की यात्रा है। जिसे हम अपनी जीवन यात्रा से जोड़ के देख सकते है। प्रोफेसर राव ने कौन हूं, खुद को जानना, अपने भीतर झोंक के देखना, हमारे जीवन का वास्तविक लक्ष्य क्या हैं, इसे पहचानना, इस पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की। संकायाध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार, पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. निधि बाला और डॉ. देवेन्द्र यादव समेत कई अन्य उपस्थित रहे।
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