सोमवार से मरीजों को मिलने लगा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ

Lucknow News - 23 सितम्बर से शुरू प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत योजना) का लाभ सोमवार से प्रदेश के 1.18 करोड़ यानी छह करोड़ लोगों को मिलने लगा है। इलाज के दावा प्रपत्र 15 दिन में निस्तारित किए जाएंगे।...

हिन्दुस्तान टीम लखनऊTue, 25 Sep 2018 08:18 PM
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23 सितम्बर से शुरू प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना का लाभ सोमवार से प्रदेश के 1.18 करोड़ परिवारों यानी छह करोड़ लोगों को मिलने लगा है। इस योजना में मरीज के दावा प्रपत्र 15 दिन में निस्तारित किए जाएंगे। पूरे देश में लागू इस योजना का 12 फीसदी लाभ प्रदेशवासियों को मिलेगा।

इस योजना में 2011 की जातिगत, सामाजिक व आर्थिक जनगणना के आधार पर लाभार्थी चुने गए हैं। कोई भी सरकारी अस्पताल या जनसुविधा ई-केंद्र जाकर पता कर सकता है कि वह आयुष्मान भारत योजना का लाभार्थी है कि नहीं। बाद में लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड देने की भी योजना है। इसके अलावा योजना के लाभार्थियों के लिए PM JAY एक मोबाइल एप भी बनाया गया है। लाभार्थी इस एप में डाले गए डेटा के आधार पर भी अपना नाम सूची में ढूंढ सकेंगे।

अस्पताल, मोबाइल एप या जनसुविधा केंद्र पर लाभार्थी देख सकते हैं अपना नाम

अस्पताल या जनसुविधा ई-केंद्र के पास उपलब्ध सूची में अपना नाम देखकर बीमार व्यक्ति किसी भी सरकारी अस्पताल या चिन्हित निजी अस्पताल जाकर अपना इलाज करा सकता है। इस काम में सभी सरकारी अस्पतालों में नियुक्त किए गए 650 प्रधानमंत्री आरोग्य मित्र बीमार व्यक्ति की मदद करेंगे। इसके अलावा प्रदेश के 10 सरकारी मेडिकल कालेजों में आरोग्य मित्र रखने की तैयारी की जा रही है।

सूचीबद्ध मरीज को दाखिल करने में आनाकानी नहीं कर पाएंगे

अस्पताल इस योजना के तहत गंभीर रोगों के साथ ही 1350 बीमारियां कवर होंगी। पांच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मिलेगी। मरीज अस्पताल में एक महीने तक भर्ती होकर इलाज करा सकता है। इलाज के दौरान अस्पताल उसके दावे को निस्तारित कराता रहेगा। प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी व चिन्हित अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि लाभार्थियों का सूची में नाम होने पर मरीज को अस्पताल में दाखिल करने में किसी प्रकार की आनाकानी न करें।

साचीज करेगी दावों का निस्तारण

बीमा कंपनियों में दावों के निस्तारण में देरी की समस्या के कारण प्रदेश सरकार ने दावों के लिए किसी बीमा कंपनी को बीच में न रखकर एश्योरेंश के आधार पर स्टेट हेल्थ एजेंसी ‘साचीज को दावों के निपटारे का जिम्मा दिया है। अस्पताल इसी हेल्थ एजेंसी को अपने यहां भर्ती हुए मरीज के दावा प्रपत्र को भेज सकेंगे। इस योजना के तहत केन्द्र और राज्य सरकार की 60:40 की हिस्सेदारी है।

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