आंदोलनरत पीसीएफ कर्मियों के समर्थन में उतरे सहकारिता के कई संगठन
लखनऊ में पीसीएफ कर्मचारी पिछले पांच दिनों से सातवें वेतनमान और वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। सहकारिता विभाग के कर्मचारी संगठनों ने समर्थन किया है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि...
- सातवें वेतनमान और वेतन पुनरीक्षण की मांग करते हुए पांच दिनों से धरना दे रहे हैं पीसीएफ कर्मी लखनऊ। विशेष संवाददाता
ईको गार्डेन में पिछले पांच दिनों से धरना दे रहे यूपी कोआपरेटिव फेडरेशन (पीसीएफ) कर्मचारियों के समर्थन में शुक्रवार को सहकार समिति कर्मचारी महासंघ तथा अन्य संगठन भी उतर गए। पीसीएफ में सातवें वेतनमान लागू करने के समर्थन में चल रहे इस आंदोलन में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कर्मचारियों का दमन बंद नहीं किया गया तो पैक्स से लेकर अपेक्स तक की संस्थाओं को बंद कराने का काम किया जाएगा।
कर्मचारी नेताओं ने पीसीएफ के चेयरमैन वाल्मीकि त्रिपाठी से मुलाकात की। जिसमें चेयरमैन ने कहा कि 16 सितंबर को वह बोर्ड निदेशकों, पीसीएफ एमडी की बैठक इस मुद्दे पर बुलाएंगे। कर्मचारी नेताओं को भी बैठक में आने के लिए आमंत्रित किया। सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष ठाकुर जयवीर सिंह चौहान ने कहा कि पीसीएफ प्रबंधन कर्मचारियों की मांगों को पूरी करने के बजाय कर्मचारी उत्पीड़न की राह पर चल पड़ा है। चेतावनी दी कि पीसीएफ कर्मियों की मांगों का समाधान न कर यदि दमनकारी नीतियां अपनाई गईं तो पैक्स से लेकर अपेक्स तक की संस्थाओं को बंद कराने का काम कर्मचारी संगठन करेंगे।
को-आपरेटिव बैंक स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री विजय कुमार सक्सेना ने कहा कि सहकारिता विभाग से जुड़ी शीर्ष से लेकर प्रारम्भिक सहकारी समितियों में वेतन पुनरीक्षण की मांग कई वर्षों से लंबित है। नौकरशाह संस्थाओं का व्यवसाय बढ़ाने की योजना बनाने की बजाय कर्मचारियों का पेट काट कर संस्थाओं को लाभ में लाने की नीति पर काम कर रहे हैं। सभी संस्थाओं के कर्मचारी संगठनों को एकजुट होकर आंदोलन करना होगा।
महासंघ के महामंत्री मो. आसिफ जमाल ने कहा कि पीसीएफ और सहकारी ग्राम विकास बैंक में राज्य कर्मचारियों की भांति सातवां वेतनमान देने की मांग, जिला सहकारी बैंक तथा उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव बैंक में वेतन पुनरीक्षण और पैक्स कर्मचारियों के वेतन से जुड़ी मांगों को पूरा करने के लिए प्रमुख सहकारिता की अध्यक्षता में कमेटी गठित हो। पूर्व में सहकारिता के प्रमुख सचिव रहे बीएस रामीरेड्डी ने संगठनों की मांगों पर विचार के लिए विभागीय अधिकारियों की कमेटी गठित की थी, जो कि अब अस्तित्व में नहीं है।
मिनिस्ट्रीरिल सर्विसेज एसोशिएशन के महामंत्री विजय कन्नौजिया, यूपी को-आपरेटिव बैंक यूनियन के अध्यक्ष मो. सगीर, सहकारी संग्रह अमीन संघ के अध्यक्ष अबरार अहमद, विनय कुमार गुर्जर आदि ने धरना सभा को संबोधित किया।
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