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पेज--5--आंतों का जटिल ऑपरेशन कर बच्चे की बचाई जान

Lucknow News - पेज--5--आंतों का जटिल ऑपरेशन कर बच्चे की बचाई जान बहराइच के भी ध्यानार्थ खेल

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 20 May 2021 10:42 PM
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पेज--5--आंतों का जटिल ऑपरेशन कर बच्चे की बचाई जान

बहराइच के भी ध्यानार्थ

खेल के दौरान पेट में हसिया से लग गई थी गहरी चोट

चार ऑपरेशन के बाद भी नहीं मिली थी बच्चे को राहत

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता

पीजीआई के डॉक्टरों ने बच्चे के पेट का जटिल ऑपरेशन कर जान बचाने में कामयाबी हासिल की है। खेल के दौरान पेट में हसिया धंस गई थी। आंतों में गहरे घाव हो गए थे। चार ऑपरेशन के बाद भी बच्चे की राहत नहीं मिली थी। आंतों में सड़न शुरू हो गई थी। पेट में टीबी भी हो गई थी। इससे बच्चे की पाचन क्षमता कमजोर हो गई थी। वह कुछ भी खा नहीं पा रहा था। मल त्याग करने में भी दिक्कत हो रही थी। ऑपरेशन के बाद बच्चे को इन दिक्कतों से निजात मिल गई है।

बहराइच निवासी सुहेल खान (आठ साल) को सवा साल पहले गांव में खेल के दौरान एक बच्चे ने पेट में हसिया मार दी थी। खून का रिसाव होने लगा था। भाई आजाद खान ने बताया कि गांव के डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया था। घाव वाले हिस्से में टांके लगा दिए थे। आधे घंटे बाद पेट दर्द व उल्टियां शुरू हो गई थीं। बच्चे को स्थानीय अस्पताल में दिखाया। जांच में डॉक्टरों ने फेफड़े में पानी भरने की दिक्कत बताई। पाइप डाल फेफड़ों से पानी निकाला। इस दौरा आंतों में सड़न शुरू हो गई। डॉक्टर ने इमरजेंसी में ऑपरेशन की जरूरत बताई। परिवारीजन ऑपरेशन को राजी हुए।

डॉक्टरों ने मल के रास्ता एक पाइप डालकर बाहर कर दिया। 15 दिन बाद दूसरी सर्जरी की। पाइप हटाकर मल का रास्ता जोड़ा। पांचवे दिन बाद ही फिर टांकों में दिक्कत शुरू हुई। परिवारीजन बच्चे को दूसरे अस्पताल ले गए। जहां तीसरा ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद टांके टूट गए। आंत बाहर आ गई। फिर चौथा ऑपरेशन हुआ। एक माह बाद फिर पेट में दर्द शुरू हुआ। अब परिवारीजनों ने पीजीआई में इलाज कराने का फैसला किया। पीजीआई पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में मरीज को भर्ती किया गया। गुरुवार को सफल सर्जरी कर बच्चे की जान बचाई। विभाग के डॉ. बसंत कुमार ने बताया कि बच्चे को पेट की टीबी भी हो गई थी। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन कर सड़ चुकी आंतों को काट कर हटा दिया गया। फिर मल त्याग के रास्ते को दुरुस्त किया। प्रोस्थेटिक्स यानी आर्टीफीशियल मांस के टुकड़े को लगाकर उसे सिल दिया है। अब एक सर्जरी बाद में और की जाएगी जिसमें प्रोस्थेटिक्स को हटाया जाएगा।

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