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ट्रॉमा सेंटर में ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती के लिए इंतजार

लखनऊ में केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में ऑक्सीजन बेड की कमी से मरीजों को इलाज में मुश्किल हो रही है। गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट के लिए दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है। सर्दियों में सांस संबंधी...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 21 Nov 2024 09:22 PM
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ट्रॉमा सेंटर में ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती के लिए इंतजार -मरीजों के दबाव के मुकाबले ऑक्सीजन प्वाइंट कम

-मरीज दूसरे अस्पताल में इलाज कराने को मजबूर

लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में ऑक्सीजन बेड को लेकर आफत आ गई है। ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। असल में कैजुअल्टी में ऑक्सीजन प्वाइंट मरीजों की संख्या के मुकाबले काफी कम है। इसकी वजह से गंभीर मरीजों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। गंभीर मरीजों को बेड के लिए एक से दूसरे अस्पताल भटकना पड़ रहा है।

चौक स्थित सराय मालीखां निवासी बुजुर्ग महिला इकबाल जहां (75) को सांस संबंधी परेशानी है। हालत गंभीर होने पर परिवारीजन उन्हें ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय ले गए। यहां डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर लिया। गुरुवार को महिला की हालत बिगड़ गईं। सांस लेने में तकलीफ बढ़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। परिवारीजन ऑक्सीजन सपोर्ट पर महिला को सरकारी एम्बुलेंस से लेकर ट्रॉमा पहुंचे। यहां पर करीब एक घंटे तक बुजुर्ग महिला एम्बुलेंस में पड़ी रही। तीमारदार कागजी कार्रवाई के बाद ऑक्सीजन बेड के लिए भटकते रहे। कैजुअल्टी के डॉक्टरों ने मरीज को देखा। कहा मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है। कैजुअल्टी में ऑक्सीजन प्वाइंट खाली नहीं है। यहां पाइप लाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। मजबूरन डॉक्टर ने मरीज को बलरामपुर अस्पताल ले जाने की सलाह दी। परिवारीजन मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे। जहां मरीज को भर्ती कर लिया गया।

अधिकारियों का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर में 36 बेड पर ऑक्सीजन प्वाइंट की सुविधा है। कुछ मरीजों को सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन दी जा रही है। मरीजों का दबाव अधिक है। इसकी वजह से मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

सर्दियों में बढ़ी मुश्किलें

सर्दियों में सांस संबंधी बीमारी से पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। उखड़ती सांसें लेकर तमाम मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। ज्यादातर सांस के मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। अकेले ट्रॉमा सेंटर प्रतिदिन 70 से 100 मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। सामान्य दिनों में यह संख्या लगभग 50 से 70 के बीच रहती है।

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