Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊOn the instructions of CM the Medical Education Department is preparing to conduct 10 thousand tests per day

सीएम के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग 10 हजार प्रतिदिन टेस्टिंग करने की तैयारी में

प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालय। पूल टेस्ट बढ़ाकर, ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रैक्टर मशीन अत्याधुनिक जांच की मशीन कोबास-68 को लगाकर 15 दिन में 10 हजार प्रतिदिन टेस्टिंग किए जाने की तैयारी की जा रही है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 19 May 2020 06:02 PM
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प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालयपूल टेस्ट बढ़ाकर, ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रैक्टर मशीन अत्याधुनिक जांच की मशीन कोबास-68 को लगाकर 15 दिन में 10 हजार प्रतिदिन टेस्टिंग किए जाने की तैयारी की जा रही है। यह मशीन जल्द ही लखनऊ के एसजीपीजीआई और केजीएमयू और गोरखपुर मेडिकल कालेज में लगाई जाएंगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने 10 हजार प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अब तक प्रदेश की 22 सरकारी और पांच निजी लैबोरेट्री से अब तक प्रतिदिन साढ़े छह हजार प्रतिदिन टेस्टिंग हो रही हैं। प्रदेश सरकार के निर्देश पर पूल टेस्टिंग बढ़ाई गई। प्रतिदिन 250 से 300 तक पूल टेस्ट किए जा रहे हैं। इसके एक पूल से 10-10 सैंपल लिए जा रहे हैं। कोबास-68 मशीन से टेस्टिंग की संख्या बढ़ेगीचिकित्सा शिक्षा विभाग प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज, एसजीपीजीआई लखनऊ व केजीएमयू लखनऊ में अत्याधुनिक कोबास-68 मशीन लगाने का भी प्रस्ताव सरकार को भेजा है। यह मशीन अभी तक केन्द्र सरकार के संस्थान नोएडा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल के पास हैं। यह संस्थान भी प्रदेश के कोरोना मरीजों के नमूनों की जांच कर रहा है। इस मशीन के आने के बाद मेडिकल कॉलेजों में टेस्टिंग की क्षमता दोगुनी हो जाएगी । इस चिकित्सा संस्थानों में बीएसएल-3 लेविल की मशीनें हैं । दस साल पुरानी इन मशीनों की क्षमता 400-500 प्रतिदिन तक है । कोबास-68 मशीन आने के बाद टेस्टिंग की क्षमता 800-1000 प्रतिदिन तक बढ़ जाएगी। आटोमेटेड मशीन लगने से जांच में आएगी तेजीचिकित्सा शिक्षा विभाग केन्द्र सरकार से 14 ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रैक्टर मशीन मांगी हैं। इन मशीनों के आ जाने के बाद नमूनों की जांच में काफी तेजी आ जाएगी। एक नमूने की आरएनए एक्सट्रैक्टर मशीन से मैनुअल तरीके से जांच में चार घंटे से अधिक का समय लग जाता है। वहीं जांच अब ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रैक्टर मशीन लग जाने के बाद एक घंटे में हो जाएगी। इन चिकित्सा संस्थानों से हो रही टेस्टिंग साढ़े छह हजार केजीएमयू लखनऊ, बीएचयू वाराणसी, एसजीपीजीआई लखनऊ, कानपुर मेडिकल कालेज, आरएमएल लखनऊ, आगरा मेडिकल कालेज, जीआईएमएस ग्रेटर नोएडा, एसएसएच नोएडा, झांसी मेडिकल कालेज, प्रयागराज मेडिकल कालेज, गोरखपुर मेडिकल कालेज, चिकित्सा संस्थान सैफई, मेरठ मेडिकल कालेज, एमएमयू अलीगढ़, कमांड हास्पिटल लखनऊ, बरेली के केन्द्र सरकार के इंडियन वेटेनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, नोएडा के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल,आगरा के नेशनल जालमा इंस्टीट्यूट ऑफ लैबोरेट्री एण्ड माइकोबैक्टीरियल, लखनऊ के विष अनुसंधान केन्द्र, बीरबल साहनी रिसर्च इंस्टीट्यूट, आरएमआरसी गोरखपुर, और सीडीआरआई, लखनऊ में कोरोना मरीजों के नमूनों की जांच हो रही है। इन संस्थानों में 4500 जांच के नमूनों की प्रतिदिन जांच हो रही है। इसके अलावा पांच निजी लैब भी नमूनों की जांच का काम कर रही हैं। प्रदेश सरकार के निर्देश पर सरकारी लैबोरेट्री में शुरू हुई पूल टेस्टिंग से यह जांच की संख्या अब तक बढ़कर 6500 तक पहुंच गई है।

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