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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊOm Prakash Rajbhar and Son Arvind Re-elected as Party President and General Secretary Premchand Kashyap New State President

छड़ी की जगह अब चाबी होगा सुभासपा का चुनाव चिन्ह

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की बैठक में ओमप्रकाश राजभर को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके पुत्र अरविंद राजभर को महासचिव चुना गया। प्रेमचंद कश्यप को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। 25...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 12 Aug 2024 01:10 PM
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-ओमप्रकाश राजभर और उनके पुत्र अरविंद फिर पार्टी अध्यक्ष व महासचिव बने -प्रेमचंद कश्यप होंगे नये प्रदेश अध्यक्ष, 25 जिलाध्यक्षों की भी हुई घोषणा

लखनऊ। विशेष संवाददाता

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का नया चुनाव चिन्ह छड़ी की जगह अब चाबी होगा। रवींद्रालय, चारबाग में हुई बैठक में सर्वसम्मति से तीन महत्वपूर्ण पदों की पुनः घोषणा की गई। ओमप्रकाश राजभर को राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके पुत्र डा. अरविंद राजभर को राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की घोषणा की गई। अरुण राजभर राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता बने रहेंगे जबकि प्रेमचंद कश्यप को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। 25 जिलों के जिलाध्यक्षों व विभिन्न मोर्चों व प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों की घोषणा भी की गई।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर ने बताया कि पिछले एक महीने तक प्रदेशस्तरीय सदस्यता अभियान चलाया गया। ग्रामीण स्तर पर सक्रिय सदस्यता अभियान जारी रहेगा। सालिक यादव राष्ट्रीय संगठन मंत्री, रामललित चौधरी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पतिराम राजभर राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी, राष्ट्रीय सचिव विनोद राजभर, कालूराम प्रजापति व रामाश्रय पासवान बनाए गए हैं। राधिका पटेल महिला मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाई गई हैं। इसके अलावा बिछेलाल राजभर एमएलसी को पूर्वांचल, अमरमणि कश्यप को मध्यांचल, सुजीत बंजारा को पश्चिमांचल, कालूराम प्रजापित को बुंदेलखंड का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा मोर्चों व प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों की भी घोषणा की गई।

सरकार में रहते नहीं आई दलितों-पिछड़ों की याद

इस मौके पर ओमप्रकाश राजभर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अभी से 2026 में होने वाले जिला पंचायत और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया। पूर्व सरकारों पर हमलावर होते हुए कहा कि सरकार में रहते हुए इन्हें शोषित, वंचित, पिछड़ा, दलित, अतिपिछड़ा एवं अल्पसंख्यक समाज के लोगों की याद क्यों नहीं आई? सरकार में रहते हुए जातिगत जनगणना, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने की याद क्यों नहीं आई? उन्होंने प्रदेशवासियों से इन पार्टियों से सावधान रहने की अपील की।

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