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बोले लखनऊ : सरफराजगंज की 25 हजार आबादी को गंदे पानी की सप्लाई से चाहिए निजात

Lucknow News - सरफराजगंज के निवासियों को गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जलकल विभाग की शिकायतों के बावजूद, स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 23 Feb 2025 07:02 PM
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बोले लखनऊ : सरफराजगंज की 25 हजार आबादी को गंदे पानी की सप्लाई से चाहिए निजात

शहर के सबसे पुराने इलाके सरफराजगंज की समस्याएं भी पुरानी ही हैं। इस पूरे इलाके में गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। स्थिति यह है कि घरों में लगे वॉटर प्यूरिफायर भी खराब होने लगे हैं। गंदे पानी की सप्लाई के कारण करीब 25 हजार लोगों का खाना बनाने, नहाना धोना, कपड़े साफ करना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बालू और गंदी मिटटीयुक्त पानी आपूर्ति बंद कराने के लिए जलकल विभाग में शिकायत की। इसके बाद जलकल कर्मचारी पहुंचे। पाइप लाइन खोदी गई तो बताया कि सीवर लाइन का पानी सप्लाई के पानी में मिल जा रहा है। कई जगह खोदा गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। स्थानीय लोगों ने पार्षद से लेकर विधायक तक गुहार लगाई। नगर निगम से लेकर जलकल आफिस तक चक्कर लगाये, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके अलावा बिना बारिश के ही सड़कों पर पानी भरा हुआ है। कई जगह सीवर उफना रहा है। सिल्ट जमा होने से नालियां चोक हैं। नतीजतन पानी सड़कों पर भरा रहता है। रोड से जब तेज रफ्तार वाहन गुजरते हैं तो पानी के छीटें लोगों के मकान दुकान तक जाते हैं। राहगीरों के कपड़े खराब हो जाते हैं।

बालागंज चौराहे से आधा किलोमीटर आगे लाल मस्जिद के सामने पुराना सरफराजगंज इलाका है। पिछले कई दिनों से यहां गंदे पानी की सप्लाई के कारण लोगों को तमाम दिक्कत और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि 'पानी में इतनी गंदगी तो पहले कभी नहीं आती थी।' 'नहर, नाले और सप्लाई किए जा रहे पानी में कोई अंतर नहीं है। पूरा दिन साफ पानी की व्यवस्था करने में बीत जाता है।' स्थानीय पार्षद से लेकर जलकल आफिस तक शिकायत की, तो कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो पता चला कि सीवर का गंदा पानी लीकेज हो रहा है। इसके बाद पाइप लाइन को दुरुस्त किया गया, लेकिन बोरिंग और उसका फाल्ट ढूंढने के लिए सड़क और गलियां खोद डाली गई। तीन बार जगह-जगह खुदाई हुई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। स्थानीय निवासी मंसूरी, नसीम बानो ने बताया कि कई बार पानी इतना गंदा आता है कि घर में सांस लेना भी दुश्वार हो जाता है। मजबूरी की वजह से बर्तन और कपड़े धोने के लिए इसी पानी को इस्तेमाल करना पड़ता है। गंदे पानी की वजह से बीमारियों का भी खतरा बढ़ रहा है। अब हाल यह है कि गलियां खुदी पड़ी हैं और घरों में गंदा पानी आ रहा है। कई लोग मार्केट से पानी की बोतल खरीदकर पीने को मजबूर है। वहीं कई लोग गली-मोहल्ले में पानी की टंकियों पर सुबह-शाम लाइन लगकर पानी भर रहे हैं।

महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी

पानी गंदा होने की वजह से और कम समय के लिए पानी आने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी कालोनी के महिलाओं को हो रही है। सूफिया खातून, सानिया ने बताया कि परिवार के पुरुष सदस्य तो नौकरी करने के लिए बाहर चले जाते हैं। उसके बाद पानी के लिए उन्हें हैंडपंप पर जाना पड़ता है। जिस वजह से पानी बार-बार उठाकर लाने के कारण भी बहुत दिक्कतें होती हैं। पूरा दिन इसी में निकल जाता है। घर का काम भी नहीं हो पाता है।

30 मिनट तो गंदे पानी को निकालने में लग जाता है

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सुबह-शाम पानी आता है, लेकिन ज्यादातर समय गंदा पानी आता है। दूसरा कम समय पानी आने की वजह से भी काफी परेशानियां हो रही है। सुबह केवल एक से डेढ़ घंटे के लिए ही पानी आता है। उसमें भी 30 मिनट तो केवल गंदे पानी को निकालने में लग जाता है। जब तक पानी को भरने का समय आता है तब तक पानी भी जा चुका होता है।

साफ पानी तक नहीं दिलवा पा रहे जनप्रतिनिधि

स्थानीय लोगों ने बताया कि गंदे पानी के कारण कई दिनों से लोगों ने नहाया नहीं है। स्थानीय जनप्रतिनिधि क्षेत्रीय जनता को साफ पानी तक नहीं मुहैया करा पा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की तरफ से बातें बड़ी-बड़ी की जाती हैं। परंतु क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की कोई ठोस योजना अभी तक जमीनी स्तर पर नहीं उतर पायी है।

निगम की टंकी से पानी लेकर बना रहे खाना

पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों ने बताया कि वह खाना बनाने के लिए नगर निगम की टंकी से पानी ले रहे हैं। वहीं पीने के लिए बंद बोतल खरीद कर प्यास बुझा रहे हैं। कई घरों के लोगों ने बाजार से पानी खरीदते हैं। महिलाओं ने बताया कि उन्हें नहाने धोने में तो समस्या है ही बल्कि कपड़े धुलने में भी दिक्क्त है। कई दिनों से कपड़े नहीं धुले हैं।

खाली प्लॉट पर कूड़े का ढेर, नालियां बजबजा रही

पुराना सरफराजगंज में कई जगह पर खाली प्लॉट है। जहां नियमित साफ-सफाई न होने से कूड़े का ढेर पड़ा रहता है। इससे सुबह से शाम तक मवेशी टहलते रहते हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार पार्षद से लेकर नगर निगम कार्यालय तक शिकायत की, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। स्थानीय निवासी मोहम्मद शमीम, मोहम्मद रशीद, इमरान, मुन्ना, नईम, रईस, बाबू लाल, इरफान, नसीम बानो ने बताया कि सरकार का नियम है कि खाली प्लॉटों पर अगर कूड़ा इक्ट्ठा होता है तो नगर निगम कर्मचारी के साथ-साथ भूस्वामी के खिलाफ भी कारईवाई होगी, लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं है। नालियों की हालत देखकर पता नहीं चलेगा कि आखिरी बार कब सफाई हुई थी। क्योंकि नालियां बजाबजा रही है। गंदा पानी गली में बह रहा है। गंदे पानी में चलकर लोग नौकरी और जरूरी काम के लिए बाहर निकलते हैं।

स्ट्रीट लाइट खराब, शाम होते ही छा जाता है अंधेरा

कॉलोनी में अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब है। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। इससे महिलाओं व बुजुर्गों को काफी दिक्कत होती है। वहीं कई स्ट्रीट लाइट ऐसी हैं, जो दिनभर जलती है। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

आवारा पशुओं के झुंड से लोग परेशान

कॉलोनी के हर मार्ग पर गली और मोहल्ले में फिलहाल आवारा पशुओं के झुंड नजर आते हैं। इसके बावजूद नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। कई बार आवारा पशुओं द्वारा पैदल चलने वाले और दोपहिया वाहन चालकों को दौड़ा चुके हैं। जिससे कई लोग गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं।

पोल लगाने के बाद गड्ढे नहीं भरता लेसा

लेसा ने आरडीएसएस योजना के तहत सड़क खोदकर बिजली के जर्जर पोल बदल रहा है, लेकिन पोल लगाने के बाद खुदी सड़क को दुरुस्त नहीं करता है। मजबूरी में लोग खुद के खर्चे से गड्डों को भर रहे हैं। वहीं नये खंभे लगाने के बाद पुराने खंभों को भी नहीं हटाया गया। साथ ही कई घरों के भीतर बिजली के पोल है, जिससे विद्युत दुर्घटना भी हो सकती है। लेकिन लेसा अधिकारियों ने पोल शिफ्टिंग के लिए कोई प्रयास नहीं किया।

इंटरलॉकिंग टाइल्स टूटी, सीवर के ढक्कन ऊंचे-नीचे

सरफराजगंज में शायद ही ऐसी कोई गली हो जहां इंटरलॉकिंग टाइल्स टूटी न हो। साथ ही सीवर के ढक्कन ऊंचे-नीचे मिलेंगे, जिससे सुबह से शाम तक साइकिल, स्कूटी और ई-रिक्शा चालक गिर जाते हैं। वहीं अधिकांश नालियां भी टूट चुकी है, तो कई जगह पर नालियों में सिल्ट भरा हुआ है। इससे जलनिकासी नहीं हो पाती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक बारिश में हल्की बारिश में ही जलभराव हो जाता है। नालियों में भरा गंदा पानी और उस पर मंडराते मच्छर संक्रामक रोगों को न्यौता दे रहे हैं।

आपबीती-1

गंदा पानी से बीमार पड़ चुकी, पर पानी साफ नहीं हुआ

मोहल्ले में गंदे पानी को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। स्थानीय निवासी हसीना ने बताया कि मैं 15 दिन पहले बदबूदार पानी पीने से बीमार पड़ चुकी हूं। इसके बाद एक एप्लीकेशन लिखी, जिसमें मोहल्ले वालों के हस्ताक्षर भी है। जिसे लेकर मैं पहले पार्षद के पास गई लेकिन उन्होंने जलकल आफिस जाने को बोल दिया। फिर मैं वहां भी गई, दो कर्मचारी आये, गली खोदी, पाइप लाइन को दुरुस्त करने की बात भी कही लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि वह खाना बनाने के लिए नगर निगम की टंकी से पानी ले रही हैं। वहीं पीने के लिए बंद बोतल खरीद कर प्यास बुझा रहे हैं। उन्हें नहाने धोने में तो समस्या है ही बल्कि कपड़े धुलने में भी दिक्क्त है। कई दिनों से कपड़े नहीं धुले हैं।

आपबीती-2

ढलान के कारण भर जाता है पानी

सरफराजगंज मकान नं.546/032 सुफिया विला के सामने की सड़क वर्षों से नहीं बनी। स्थानीय सूफिया खातून, अरशद अली ने बताया कि आसपास के इलाके की सड़क बनने से ऊंची हो गई, लेकिन यहां सड़क न बनने से ढलान हो गया। इससे बारिश में यहां आसपास के मोहल्ले का पानी भर जाता है। इससे काफी दिक्कत होती है। कई बार पार्षद और विधायक से शिकायत की, पर कुछ नहीं हुआ।

सरफराजगंज

वार्ड का नाम- बालागंज

वार्ड संख्या- 38

आबादी- 25 हजार

प्रमुख शिकायतें

- नालियां टूटी हुई है, कई जगह सिल्ट भरा है

- इंटरलॉकिंग टाइल्स कई जगह पर क्षतिग्रस्त

- खाली प्लॉटों पर कूड़े का ढेर है

- घरों में गंदे पानी की सप्लाई

- अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब हो गई है

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प्रमुख सुझाव

- क्षतिग्रस्त नालियों की मरम्मत कराई जाए

- इंटरलॉकिंग टाइल्स को दुरुस्त किया जाए

- नियमित कूड़ा उठान की व्यवस्था की जाए

- घरों में साफ पानी उपलब्ध कराया जाए

- खराब स्ट्रीट लाइट को बदला जाए

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लोगों ने बयां किया दर्द

1-हमारे मुहल्ले में चार पांच दिन से पानी नहीं आ रहा, लगातार शिकायत की जा रही फिर भी आ नहीं रहा। पानी आता भी है तो काला आता है। इस सम्बन्ध में जेई से भी बात हो चुकी है। स्थानिय सभासद को भी गंदे पानी के बारे में कई दफा बताया गया है।

-मो. शमीम

2- मेरे मुहल्ले की सड़क और नाली की स्थित इतनी खराब है कि यहां चलना दूभर हो रहा है। चारो ओर की सभी सड़कें बन गईं। हमारी सड़क नहीं बन पा रही, कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। मुहल्ले की सारी नालियां जाम हैं।

-मो. रशीद खान

3- हमारे मुहल्ले के बड़े सीवर साफ तो है लेकिन छोटे और घरेलू सीवरों में साफ-सफाई नाम की कोई चीज नहीं है। अगर छोटे सीवर साफ हो जाएं तो शौचालय भी साफ हो जाता। यहां इतनी गंदरी रहती है कि खड़ा तक नहीं होया जाता।

-पाले

4- मुहल्ले की सारी सड़कें जल्द से जल्द बननी चाहिए, सालों से हमारे कॉलोनी की सड़कें उपेक्षाओं से जुझ रही हैं। कोई देखने तक वाला नहीं है। गंदे सीवरों की साफ-सफाई बहुत जरुरी है।

- मो. इशहाक

5- मैं यहां के ट्यूबवेल के पानी का ऑपरेटर हूं। मुहल्ले के लोगों का कहना है कि पानी गंदी आती है। मेरे ट्यूबवेल से तो पानी साफ जाता है लेकिन आगे वाटर सप्लाई की लाइन फटी होने के नाते पूरे मुहल्ले का पानी गंदा आता है। पानी की लाइन चेकिंग कराकर ठीक कराया जाना चाहिए।

-इमरान

6- मेरे मुहल्ले की सड़कें तो खराब ही हैं साथ ही लाइटों की भी हालत कुछ ठीक नहीं है। गलियों में कुछ लाइट हमेशा जला करती हैं तो कई जलती ही नहीं। मुहल्ले के कई हिस्सों में रात के समय अक्सर अंधेरा रहता है।

-रईस

7- हमारे साथ पुरा मुहल्ला गंदे पानी की सप्लाई से परेशान है। पानी कभी सही आता है तो कभी बिल्कुल खराब। ऐसी स्थिति में यहां का पानी छुआ तक नहीं जाता है, इस्तेमाल कौन करे?

अजमत अली

8- मुहल्ले की गंदी नालियों और खराब पानी की समस्या से कई दफा सभासद व जेई को अवगत कराया गया। हमारे मुहल्ले का कोई सुध लेने वाला नहीं है।

-नईम

9- लगातार हमारे घरों में गंदा पानी भेजा जा रहा है। मुहल्ले भर में काले पानी की सप्लाई हो रही है। हम लोग घरों में आ रहे गंदे पानी को अपने सभासद को दिखाने गए थे। बावजूद इसके उन्होंने कोई सुध नहीं ली।

-मो. शाकिर

10- ना यहां की सड़क बन पा रही, ना ही नाली। मेरे घर के किनारे की नाली पूरी तरह से भर जाती है। नाली ठीक बने होने की वजह से सफाईकर्मी आता है लेकिन ऊपर से ही साफ कर के चला जाता है। नाली सही ढंग से न बनने के वजह से सफाई नहीं हो पाती है।

-नसीम बानो

11- हमारे मुहल्ले की सारी सीवर लाइनें खराब हैं। बदहाल सीवर लाइन की वजह से हमारे घरों तक गंदा पानी आता है। इससे मेरे घर के बच्चों से लेकर बड़े तक कई दफा बीमार पड़ चुके हैं। मैं यहां की सड़कों के गड्ढों में कई बार गिर चुकी हूं।

- सूफिया खातून

12- यहां के सड़कों की स्थिति बहुत ही खराब हैं, मुहल्ले की नाली और सड़कें काफी पुरानी हैं। कई नालियां बंद पड़ी हैं तो कई गंदे पानी से जाम हैं। इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।

-बाबूलाल

13- मैं गंदे पानी से बहुत परेशान हूं। कभी-कभी तो पानी की सप्लाई में कीड़े आते हैं। मुहल्ले की टूटी सड़कें और उसके बीच में बड़े-बड़े गड्ढे बड़ी समस्या बन चुकी है। कोई जिम्मेदार संज्ञान लेने को भी तैयार नहीं है।

-अब्दुल रहमान

14- मेरे मुहल्ले में गंदगी की वजह से फैले मच्छरों ने रहना मुश्किल कर रखा है। पूरे कॉलोनी में बेइंतहां मच्छरों का आतंक है। ना कोई दवा का छिड़काव कराया जाता न ही साफ-सफाई के लिए कोई जरुरी कदम उठाया जा रहा है।

-नासिर

15-मेरे कॉलोनी में सफाईकर्मी रोज नहीं आते हैं। एक दिन आएगा तो चार दिन गायब रहेगा। आसपास के सारे मुहल्ले साफ हैं। जमीन के साथ पानी में भी गंदगी सिर्फ मेरे ही मुहल्ले में है।

- सूफिया बानो

16- यहां की स्ट्रीट लाइटें नहीं जलती हैं। मेरे मुहल्ले की सड़क, नाली पूरी तरह से बेकार हो चुकी है। नगर निगम के सारे काम खराब हैं। बिजली के खंभे तक टेढ़े-तिरछे लगे हैं। हमारे घरों में लगातार आ रहा गंदा पानी बीमारियां बांट रहा है। पानी बाहर से लाना पड़ता है।

- कलीम

प्रस्तुति: सुमित गुप्ता, सौरभ मिश्रा- फोटो रीतेश यादव

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