मोबाइल, लैपटॉप देर रात तक चलाने से बढ़ रहा मानसिक तनाव
बलरामपुर अस्पताल में सातवें राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर संगोष्ठी और पुस्तक विमोचन हुआ। विशेषज्ञों ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा जीवनशैली अपनाकर असाध्य बीमारियों का इलाज संभव है। मानसिक तनाव...
असाध्य बीमारी में भी प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज कारगर - बलरामपुर अस्पताल में सातवें राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर संगोष्ठी व पुस्तक का विमोचन हुआ
लखनऊ, संवाददाता।
बलरामपुर अस्पताल की आयुष इकाई की ओर से सातवें राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर संगोष्ठी व पुस्तक विमोचन हुआ। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग के कोऑर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति लोगों के स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाती है। मनुष्य आहार-विहार एवं दिनचर्या का सही अनुपालन न करने के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों से घिर जाता है। रात में जागने, मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप का दिन रात अधिक प्रयोग करने से से लोग मानसिक तनाव तथा अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं। हर व्यक्ति प्राकृतिक चिकित्सा युक्त जीवनशैली अपना कर आजीवन स्वस्थ रह सकता है।
बलरामपुर के सीएमएस डॉ. संजय कुमार तेवतिया ने बताया कि परिसर में योग प्राकृतिक चिकित्सा व आयुर्वेद परामर्श व सेवा उपलब्ध है। एमएस डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि अंकुरित आहार के सेवन, नियमित प्रचुर मात्रा में स्वच्छ पानी पीने, योग अभ्यास करने, जंक फूड के परहेज से स्वास्थ्य को दुरूस्त रखा जा सकता है। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण कुमार निरंजन ने बताया कि एलर्जिक राइनाइटिस, साइनोसाइटिस एवं माइग्रेन जैसे कष्टकारी असाध्य बीमारियों का इलाज आयुष में कारगर है। अस्पताल के योग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. नंदलाल यादव ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी तथा प्राचीन चिकित्सा पद्धति योग प्रकृति चिकित्सा एवं आयुर्वेद के संयुक्त प्रयोग व प्रयास से लोगों को स्वस्थ रखा जा सकता है। संगोष्ठी में बलरामपुर स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्य रागिनी त्रिवेदी, व्याख्याता आशुतोष द्विवेदी ने विचार व्यक्त किया।
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