बिजली निजीकरण के विरोध में सड़कों पर उतरे देश भर के बिजलीकर्मी
Lucknow News - उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान में बिजली व्यवस्था के निजीकरण के खिलाफ आज बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरे। उन्होंने निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग की है। यदि चंडीगढ़ की बिजली एक निजी कंपनी को दी...
-चंडीगढ़ की बिजली निजी कंपनी को दी गई तो आज भी करेंगे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन लखनऊ, विशेष संवाददाता
उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में सौंपे जाने के फैसले के विरोध में शुक्रवार को देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मी सड़कों पर उतरे। निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। चेतावनी दी है कि यदि एक फरवरी को चंडीगढ़ की बिजली निजी कंपनी को सौंपी गई तो तत्काल पूरे देश के बिजली कर्मी विरोध प्रदर्शन करेंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने कहा है कि जब बिजली कंपनियों की स्थिति सुधारने के संबंध में सुझाव देने के लिए ऊर्जा मंत्रालय द्वारा मंत्री समूह का गठन किया गया है तो इस समूह की रिपोर्ट आने तक निजीकरण के सभी फैसले निरस्त किए जाएं।
मुनाफे में चल रही है चंडीगढ़ की बिजली व्यवस्था
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर शुक्रवार को देश के सभी प्रांतों में बिजली कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने बताया है कि चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बिजली वितरण का मनमाने ढंग से निजीकरण किया जा रहा है। मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ विद्युत विभाग को एमिनेंट इलेक्ट्रिक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को सौंपने के निर्णय से बिजली कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा है। यूपी में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के जरिए प्रदेश के 42 जनपदों की बिजली व्यवस्था निजी घरानों को सौंपने की तैयारी हो रही है। राजस्थान में विद्युत वितरण के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है और उत्पादन निगम को जॉइंट वेंचर के नाम पर एनटीपीसी और कोल इंडिया को सौंपा जा रहा है।
मंत्री समूह के सामने बिजलीकर्मियों के संगठन रखेंगे अपनी बात
संघर्ष समिति ने कहा कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद यश नायक के नेतृत्व में बिजली वितरण कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए अध्ययन करते हुए रिपोर्ट देने के लिए मंत्री समूह का गठन किया है। मंत्री समूह में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सम्मिलित है। संयोजक उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा बनाए गए हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान में विद्युत वितरण व्यवस्था के निजीकरण की एकतरफा निर्णय को तत्काल रद्द किया जाए। मंत्री समूह के सामने बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के विभिन्न प्रांतों के और राष्ट्रीय संगठन अपनी बात रखेंगे।
शुक्रवार को लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अलीगढ़ , मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, जवाहरपुर, पनकी, हरदुआगंज, ओबरा, पिपरी, अनपरा में बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किए।
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