प्रदेश के 47 जिलों में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान शुरू
Lucknow News - -अभियान के तहत 15.56 करोड़ की जनसंख्या को आच्छादित किये जाने-अभियान के तहत 15.56 करोड़ की जनसंख्या को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य
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-अभियान के तहत 15.56 करोड़ की जनसंख्या को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य लखनऊ, विशेष संवाददाता
लखनऊ सहित प्रदेश के 47 जिलों में शनिवार से राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कुष्ठ रोगी खोजी अभियान का शुभारंभ हो गया। 14 दिवसीय यह अभियान एक से 12 मार्च तथा 17 और 18 मार्च को चलेगा। यह अभियान उन जनपदों में चलाया जा रहा है, जहां या तो कुष्ठ के मरीजों की संख्या ज्यादा है या मानव संसाधन के अभाव में कुष्ठ रोगियों की पहचान नहीं हो पा रही है।
राज्य कुष्ठ अधिकारी डा. जया देहलवी ने बताया कि केंद्र सरकार ने साल 2027 तक कुष्ठ उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार की प्राथमिकता हर कुष्ठ रोगी तक पहुंचने और त्वरित जांच व इलाज देकर उन्हें ग्रेड-2 की श्रेणी में जाने से रोकने की है। अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की लक्षण के आधार पर जांच करेंगे। इस अभियान में ट्रेस, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की प्रक्रिया अपनाते हुए रोगी की शीघ्र पहचान, जांच और इलाज किया जाता है। कुष्ठ रोगी खोजी अभियान में 47 जिलों की 15.56 करोड़ की जनसंख्या को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य है। यह अभियान सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलेगा। इस अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए 1,55, 575 टीम बनाई गई है, हर टीम में दो लोग हैं।
यूपी में इस साल मिले 10 हजार से अधिक कुष्ठ रोगी
प्रदेश में साल 2024-25 में 10,316 कुष्ठ रोगी पाए गए हैं। वहीं साल 2023-24 में 13,475, 2022-23 में 12,801 और 2021-22 में 9946 कुष्ठ रोगी पाए गए थे। इसके साथ ही कुष्ठ रोग से दिव्यांग हुए लोगों की संख्या साल 2023-24 में 103, वर्ष 2022-23 में 106 और 2021-22 में 110 है। राज्य कुष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुष्ठ रोगियों का सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट (एमडीटी) के माध्यम से निःशुल्क इलाज किया जाता है। एमडीटी के उपचार के बाद इस रोग की पुनरावृत्ति दुर्लभ होती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की करेक्टिव सर्जरी नि:शुल्क की जाती है और मरीज को श्रम ह्रास के बदले में 12,000 रुपये दिए जाते हैं।
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