एक युवक को म्यांमार भेजने के लिए 500 डालर मिलता था कमीशन, एजेंट गिरफ्तार
Lucknow News - म्यांमार के म्यावाड़ी में भारतीयों को बंधक बनाकर साइबर ठगी करने के मामले में पुलिस ने तीसरे एजेंट जीशान को गिरफ्तार किया है। जीशान ने पीड़ित साजिद मिर्जा से नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख रुपये लिए...

म्यांमार के म्यावाड़ी में भारतीयों को बंधक बनाकर साइबर ठगी कराने के मामले में पुलिस ने तीसरे एजेंट जीशान को भी गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला कि ठगी के लिए एक युवक को म्यांमार भेजने पर उसे 500 डालर कमीशन मिलता था। यह कमीशन म्यांमार में बैठा गिरोह का सरगना रफ्फाक देता था। जीशान ने पुलिस की पूछताछ में कई अहम राज उगले हैं। अब पुलिस गिरोह के सरगना रफ्फाक के बारे में ब्योरा जुटा रही है। प्रभारी साइबर क्राइम सेल रत्नेश सिंह ने बताया कि आरोपित जीशान के पास से चार मोबाइल फोन, दो पासपोर्ट, तीन एटीएम कार्ड, 22 चेकबुक, पासबुक और एक सिम कार्ड बरामद हुआ है। आरोपित के मोबाइल से कई अहम जानकारियां और ब्योरा मिला है। 15 मार्च को एजेंट जावेद इकबाल और मो. अहमद खान उर्फ भय्या को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अब जीशान को भेजा गया है। जावेद के खिलाफ मदेयगंज मशालची टोला के रहने वाले सुल्तान सलाउद्दीन रब्बानी और सादिक मिर्जा की सम्मिलत तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। जीशान मूल रूप से औरंगाबाद मैगलगंज पठनौदा का रहने वाला है। यहां चौक मंसूरनगर का रहता था। 12 मार्च को म्यांमार से रिहा कराए गए 21 भारतीयों को लखनऊ लाया गया था। यहां पुलिस लाइन में उनसे घंटों पूछताछ हुई थी। पूछताछ के बाद पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली थी। रिहा कराए गए पांच लोग लखनऊ के थे।
तीन लाख रुपये जीशान को दिया था पीड़ित साजिद मिर्जा ने :
गिरफ्तारी की टीम में शामिल दरोगा प्रशांत वर्मा ने बताया कि जीशान कश्मीरी गेट के पास जनसुविधा केंद्र चलाता था। वहीं उसकी मुलाकात साजिद से हुई थी। साजिद को म्यांमार में नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख रुपये जीशान ने लिए थे। साजिद को को उसने वहां मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी दिलाने का दावा किया था। जब साजिद पहुंचा तो उसका पासपोर्ट और वीजा सब जब्त कर लिया गया। उससे साइबर ठगी कराई जाने लगी थी।
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