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संशोधित: रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते डॉक्टर समेत चार गिरफ्तार

दरोगा की सतर्कता से पकड़े गए इंजेक्शन के दलाल, 34 इंजेक्शन समेत पांच लाख रुपये

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 23 April 2021 03:00 AM
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दरोगा की सतर्कता से पकड़े गए इंजेक्शन के दलाल, 34 इंजेक्शन समेत पांच लाख रुपये बरामद

लखनऊ। निज संवाददाता

कोविड अस्पताल के तौर पर चिह्नित एरा मेडिकल कॉलेज का छात्र साथियों की मदद से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा था। कोरोना मरीजों के तीमारदारों को यह इंजेक्शन मनचाहे दाम पर बेचे जा रहे थे। गुरुवार रात ठाकुरगंज पुलिस ने दो डॉक्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार करने के बाद यह दावा किया। आरोपियों के पास से 34 इंजेक्शन बरामद हुए हैं।

डीसीपी पश्चिम देवेश पाण्डेय के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में बेचे जाने की जानकारी हुसैनाबाद चौकी इंचार्ज हिमाचल सिंह को मिली थी। उन्हें कुछ संदिग्धों के नम्बर भी प्राप्त हुए थे। डीसीपी के मुताबिक आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए दरोगा हिमाचल सिंह ने डा. सम्राट पाण्डेय को फोन कर इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए कहा। एक इंजेक्शन का दाम 20 हजार रुपये तय हुआ। सम्राट ने दरोगा को एरा मेडिकल कालेज के पास बुलाया था। योजना के तहत हिमाचल सिंह ने 20 हजार रुपये लेकर सादे कपड़ों में एरा कालेज के पास पहुंच गए। उन्होंने डा. सम्राट और उसके साथियों को 20 हजार रुपये देकर इंजेक्शन खरीद लिया। इस बीच ठाकुरगंज पुलिस वहां पहुंच गई। मौके से सरफराजगंज निवासी डा. अतहर, एरा हास्टल में रहने वाले डा. सम्राट पाण्डेय, बांगरमऊ निवासी विपिन कुमार और सरफराजगंज निवासी तहजीबुल हसन को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों से पूछताछ के बाद उनकी निशानदेही पर 34 इंजेक्शन बरामद किए गए। सम्राट और अतहर के पास से करीब पांच लाख रुपये भी मिले हैं। डा. सम्राट ने वर्ष 2016 में एरा कालेज से ओटी टेक्निशियान की पढ़ाई की है। मौजूदा वक्त में वह पटना से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। वहीं, अतहर एरा मेडिकल कालेज में एमबीबीएस चौथे सेमेस्टर का छात्र है।

कानपुर से आती थी सप्लाई

एक इंजेक्शन पाने की आस में तीमारदार दिन रात एक कर रहे हैं। वहीं, कालाबाजारी करने वाले इंजेक्शन को स्टाक कर मुंह मांगे दाम पर बेच रहे हैं। इंस्पेक्टर ठाकुरगंज सुनील दुबे के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्शन कानुपर निवासी थापा नाम का व्यक्ति विपिन को पांच हजार रुपये में उपलब्ध कराता था। थापा को इंजेक्शन कानपुर के एक व्यक्ति से मिलते थे। वहीं, विपिन इंजेक्शन को 5500 रुपये के हिसाब से तहजीबुल को बेचता था। जिसके बाद अतहर यही इंजेक्शन 7500 रुपये में डा. सम्राट को देता था। पूछताछ में सम्राट ने बताया कि एरा अस्पताल में कोविड मरीजों के तीमारदारों से उसका सम्पर्क होता रहता था। ऐसे में उसके लिए इंजेक्शन बेचना काफी आसान था। वह प्रति इंजेक्शन 20 हजार रुपये वसूलता था। इंस्पेक्टर ने बताया कि थापा फरार है।

मेडिसिन मार्केट में भी पड़े छापे

दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने अभियान छेड़ दिया है। ठाकुरगंज में रेमडेसिवर इंजेक्शन के दलालों की गिरफ्तारी के साथ ही मेडिसिन और न्यू मेडिसिन मार्केट से भी कई संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।जिनसे पूछताछ की जा रही है।

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