Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊMission Strength: Name made in the handwash and spice business

मिशन शक्ति: हैंडवॉश और मसाला व्यवसाय में हासिल किया मुकाम

हमारे देश के लोगों की सोच रही है कि महिलाओं का काम घरों में चूल्हा-चौका तक ही सीमित है। फखरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत अचौलिया निवासी मुमुक्षा जैन ने इस पुरातन धारणा को पूरी तरह नकार दिया है। गांव में...

Deep Pandey हिन्दुस्तान संवाद, बहराइच। Tue, 10 Nov 2020 12:34 PM
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हमारे देश के लोगों की सोच रही है कि महिलाओं का काम घरों में चूल्हा-चौका तक ही सीमित है। फखरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत अचौलिया निवासी मुमुक्षा जैन ने इस पुरातन धारणा को पूरी तरह नकार दिया है। गांव में खेती कम होने व रोजगार की कमी के चलते आर्थिक तंगी झेल रही मुमुझा जैन 2018 में राणा स्वयं सहायता समूह स्वयं में शामिल हुईं। 
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्रोत्साहित मुमुक्षा ने अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 1 लाख 10 हजार का ऋण लिया और हैंडवाश, टायलेट क्लीनर व फिनायल बनाने का कार्य शुरू किया। वर्तमान में गांव में उनकी अलग पहचान बनी है। कई महिलाओं को रोजगार देने के साथ ही वह खुशहाली पूर्ण जीवन जी रही हैं। इस व्यवसाय से वह प्रतिमाह 12 हजार की आमदनी कर रही हैं।

मसाला व्यवसाय से कमाया नाम
गांव में रोजगार की कमी व बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित सुमित्रा देवी ने खुद के पैरों पर खड़े होने की ठानी। राज्य आजीविका मिशन से जुड़कर उन्होंने मसाला उद्योग शुरू करने का मन बनाया। सुमित्रा के इस निर्णय पर काफी लोगों ने आलोचना की, लेकिन सबकी अनसुनी करते हुए वह लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास करती रहीं। सुमित्रा ने संजीवनी प्रेरणा स्वयं सहायता समूह में प्रशिक्षण लिया और मसाला व्यवसाय शुरू किया। मसाला व्यवसाय शुरू करने के लिए उन्होंने समूह से 60 हजार का ऋण लिया। वर्तमान में सुमित्रा बेहतर जीवन यापन कर रही हैं वह प्रतिमाह 10 हजार की आमदनी कर लेती हैं। इसके साथ ही सुमित्रा ग्रामीण क्षेत्र की अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के प्रति जागरूक भी कर रही हैं।

शाकभाजी को दिया नया आयाम
ज्यादा रसायनिक खादों व दवाइयों के प्रयोग से हरी सब्जियों की गुणवत्ता गायब सी होती जा रही है। जिससे लोगों को पोषक तत्वों की सही मात्रा नहीं मिल पा रही है। रासायनिक खाद व लोगों को पोषक तत्वों से युक्त सब्जी पहुंचाने के लिए बहराइच निवासी मनवीरता जैविक शाकभाजी का उत्पादन कर रही हैं। इन्होंने कृषि लागत को कम करने के लिए उद्यान विभाग के आरकेवीवाई व प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ हासिल किया है। मनवीरता की सफलता से प्रभावित होकर कई महिलाओं ने घरों पर पोषकयुक्त शाकभाजी उगाना शुरू किया है।

 

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