मिशन शक्ति: समाज की प्रताड़ना के बावजूद गुलशन ने सफलता पाई
गुलशन जहां ने जब महिलाओं की दुर्दशा देखकर कुछ करने की ठानी तो उसके ही समाज ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। अपमान सहने के बावजूद वह न टूटीं और न ही झुकीं, वह बीते15 साल से लगातार महिलाओं की शिक्षा और...
गुलशन जहां ने जब महिलाओं की दुर्दशा देखकर कुछ करने की ठानी तो उसके ही समाज ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। अपमान सहने के बावजूद वह न टूटीं और न ही झुकीं, वह बीते15 साल से लगातार महिलाओं की शिक्षा और सुरक्षा के लिए काम कर रही है।
शुरू में एक स्वयं सहायता समूह बनाकर उसने काम किया। इसके बाद एक स्वयंसेवी संस्था बनाकर महिला विकास का काम करना शुरू किया। गुलशन जहां 25 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 125 महिलाओं को आरसेटी से प्रशिक्षण दिला चुकी हैं। यह महिलाएं खुद का रोजगार कर रही हैं। कोई भी सामाजिक कार्यक्रम हो, सरकारी अथवा गैर सरकारी वह सभी में वह बढ़ चढ़कर भाग लेती हैं।
नुसरत ने प्रशिक्षण लेकर खुद हासिल किया रोजगार
नुसरत भिनगा के ऐसे मोहल्ले में रहती हैं जहां महिलाओं की शिक्षा का स्तर बेहद कमजोर है। नुसरत ने आशा स्वयं सहायता समूह से जुड़कर शिक्षा प्राप्त की और आरसेटी से सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण लेकर रोजगार हासिल किया। इसके अलावा वह अन्य लड़कियों को भी सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दे रही है। नुसरत ने बताया कि शुरू में तो अजीब सा लगता था, लेकिन परिवार की सहायता मिली तो महिलाओं के बीच काम करने में अच्छा महसूस किया।
मैसर ने दुकान चलाकर जुटा लिया रोजगार
मैसर जहां ने गाजी सरकार स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर आरसेटी से सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया था। प्रशिक्षण के बाद सिलाई-कढ़ाई की खुद की दुकान खोल ली। दुकान से हुई आमदनी और स्वयं सहायता समूह से कर्ज लेकर परचून की भी दुकान खोली, इससे परिवार के अन्य लोगों को भी काम मिल गया। वह बच्चों की पढ़ाई पर भी ध्यान दे रही है और दूसरों को भी पढ़ाई के लिए प्रेरित कर रही है।
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