लखनऊ केजीएमयू में फर्श पर सो रहे एमबीबीएस छात्र
केजीएमयू में एमबीबीएस इंटर्न छात्र फर्श पर सोने को मजबूर हैं। हॉस्टल आवंटन में लापरवाही का खामियाजा एमबीबीएस छात्र भुगत रहे हैं। बदइंतजामी से छात्रों की पढ़ाई चौपट है। वह जगकर रात गुजारने को मजबूर...
केजीएमयू में एमबीबीएस इंटर्न छात्र फर्श पर सोने को मजबूर हैं। हॉस्टल आवंटन में लापरवाही का खामियाजा एमबीबीएस छात्र भुगत रहे हैं। बदइंतजामी से छात्रों की पढ़ाई चौपट है। वह जगकर रात गुजारने को मजबूर हैं। यही नहीं नर्सिंग छात्र के साथ एमबीबीएस इंर्टन को रहना पड़ रहा है। बुधवार को पीड़ित एमबीबीएस छात्रों ने कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट से मिलकर पीड़ा बयां की।
केजीएमयू में एमबीबीएस की 250 सीटें हैं। साढ़े चार साल छात्र पढ़ाई करते हैं। एक साल छात्रों को इंर्टनशिप करनी होती है। 2014 बैच के करीब 40 इंटर्न छात्रों को हॉस्टल आवंटन में लापरवाही बरती गई। छात्रों का आरोप है कि एमबीबीएस का नया बैच आने की बात कहते हुए एसपी हॉस्टल खाली करा लिया गया। खदरा स्थित न्यू टीजी हॉस्टल में इंटर्न 40 एमबीबीएस छात्रों को कमरे आवंटित किए गए।
धोखे में रखा छात्रों को : छात्रों का आरोप है कि कमरा आवंटन के समय अधिकारियों ने हॉस्टल में सारी सुविधाओं का दावा किया था। एक कमरे में दो छात्रों के ठहरने की बात कही गई थी। करीब एक महीने पहले कमरे आवंटित किए गए थे। छात्रों ने बताया कि कमरा आवंटन के बाद जब हॉस्टल पहुंचे तो अधिकारियों का झूठ सामने आ गया।
पढ़ाई हो रही चौपट
ज्यादातर कमरों में नर्सिंग छात्र पहले से रह रहे थे। शिकायत की तो अधिकारियों ने जल्द ही व्यवस्था सुधारने की बात कही थी। एक माह बाद भी बदइंतजामी हावी है। एक कमरे में दो एमबीबीएस व दो नर्सिंग छात्र आवंटित किए गए थे, जबकि लेटने के लिए दो ही तख्त है। ऐसे में फर्श पर लेटने को मजबूर हैं। वहीं पढ़ाई में भी असुविधा हो रही है। पीजी की तैयारी करने में अड़चन आ रही है। वहीं इस बारे में केजीएमयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. जीपी सिंह, ने कहा कि केजीएमयू में हॉस्टल की संख्या कम है। करीब 40 प्रतिशत कमरों की और जरूरत है। यही वजह है कि तीन से चार छात्रों को एक कमरे में रखा जा रहा है। जल्द ही छात्रों की समस्या का हल निकाला जाएगा।
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