Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊMayawati Criticizes SP Alliance Break Emphasizes BSP s Integrity and Mission

बसपा से गठबंधन में बहुजन समाज का सम्मान सर्वोपरि : मायावती

-सपा प्रमुख द्वारा अब सफाई देना कितना उचित -बसपा सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 13 Sep 2024 12:10 PM
share Share

-सपा प्रमुख द्वारा अब सफाई देना कितना उचित -बसपा सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती

लखनऊ। विशेष संवाददाता

बसपा प्रमुख मायावती ने सपा के साथ गठबंधन टूटने को लेकर शुक्रवार को अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बीएसपी सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती है और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है। सपा के साथ वर्ष 1993 व 2019 में हुए गठबंधन को निभाने का भरपूर प्रयास किया गया, किन्तु ‘बहुजन समाज का हित व आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।

मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स पर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि बीएसपी जातिवादी संकीर्ण राजनीति के विरुद्ध है। अतः चुनावी स्वार्थ के लिए आपाधापी में गठबंधन करने से अलग हटकर ‘बहुजन समाज में आपसी भाईचारा बनाकर राजनीतिक शक्ति बनाने का मूवमेन्ट है ताकि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का मिशन सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो सके।

सपा प्रमुख का इतने साल बाद सफाई देना कितना उचित

मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव-2019 में यूपी में बसपा के 10 व सपा के 5 सीटों पर जीत के बाद गठबंधन टूटने के बारे में मैंने सार्वजनिक तौर पर भी यही कहा कि सपा प्रमुख ने मेरे फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था, जिसको लेकर उनके द्वारा अब इतने साल बाद सफाई देना कितना उचित व विश्वसनीय? सोचने वाली बात है।

बीएसपी सिर्फ वोट ट्रांसफर करवाने के लिए नहीं है : सतीश चंद्र मिश्र

बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र ने भी शुक्रवार को ‘एक्स पर लिखा, बीएसपी सिर्फ वोट ट्रांसफर करवाने के लिए नहीं है। 2019 के लोकसभा आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन टूटने की वजह सपा मुखिया खुद हैं जो बहन कुमारी मायावती ने अपनी पार्टी द्वारा जारी की गई पुस्तक में लिखा हैं। मायावती के फोन करने के पूर्व मेरे द्वारा फोन करने पर भी सपा प्रमुख फोन पर नहीं आए थे। फिर पार्टी कार्यालय से फोन गया और तब फिर भी फोन पर सपा प्रमुख से बात नहीं कराई गई। फिर भी बहनजी ने बड़े होने के नाते सपा प्रमुख को फोन कर हौसला देने की कोशिश की थी लेकिन वह फोन पर नहीं आए। और इस सबका परिणाम यह रहा कि बीएसपी को गठबंधन तोड़ना पड़ा। सपा प्रमुख का यह व्यवहार समाज के दलितों, वंचितों एवं शोषितों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला था। जो लोग इस बारे में मायावती पर टिप्पणी कर रहे हैं, वह पहले अपना व्यवहार याद कर लें।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख