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निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़प कर क्रिप्टो करेंसी में बदलने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार

Lucknow News - एसटीएफ ने समीर केशरी को गिरफ्तार किया, जो निवेशकों से करोड़ों रुपये हड़पकर क्रिप्टो करेंसी में बदलने की कोशिश कर रहा था। वह विदेश भागने की योजना बना रहा था और उसके पास फर्जी पासपोर्ट था। समीर के खिलाफ...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSat, 5 Oct 2024 01:47 AM
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एसटीएफ ने कई प्रदेशों के निवेशकों से हड़पे करोड़ों रुपये को क्रिप्टो करेंसी में बदल कर फरार हुए गिरोह के मास्टरमाइंड सरगना समीर केशरी को आईटी सिटी के पास शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। वह विदेश भागने की फिराक में था। उसने लखनऊ में अपना फर्जी पता दिखाकर दूसरा पासपोर्ट बनवा लिया था। वह इससे पहले छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा में भी जालसाजी के मामले में पकड़ा जा चुका है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। एसटीएफ की इस कार्रवाई में सुशांत गोल्फ सिटी की पुलिस भी साथ रही। समीर केशरी दिल्ली के कुतुब विहार में रहा था। मूल रूप से वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। वर्ष 2016 में मध्य प्रदेश पुलिस ने भी उसे धोखाधड़ी में जेल भेजा था। उसके पास मैक बुक, एक आईफोन, पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि समीर केशरी ने अंसल एपीआई में किराये पर मकान लिया था। यहां अपने दोस्तों के साथ उसने फर्जी वर्चुअल कॉइन (रूबी कॉइन) बनाकर कई लोगों को करोड़ों का फायदा दिलाने का झांसा देकर ठगना शुरू कर दिया था। उसके झांसे में कई प्रदेशों के लोग आ गए और करोड़ों रुपये जमा कर बैठे थे। उसने हड़पी रकम को क्रिप्टो करेंसी में बदल कर विदेश भागने की तैयारी कर ली थी।

कम्पनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बन गया था

डिप्टी एसपी दीपक के मुताबिक रूबी कॉइन का खुद को सीईओ बताने वाले समीर के खिलाफ इसी साल मई में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके लखनऊ आने की सूचना एसटीएफ को मिल गई थी। इसके बाद ही उसकी घेराबंदी की गई थी। समीर कोलकाता में एंजेला एग्रोटेक कंपनी में काम करता था। अच्छे काम की वजह से उसे जल्दी ही कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल कर लिया गया था।

एमपी जेल से छूटने के बाद अपना गिरोह बनाया

वर्ष 2016 में यहां फर्जीवाड़ा होने पर उसे मध्य प्रदेश पुलिस ने पकड़ा था। जेल से छूटने के बाद समीर फिर से छत्तीसगढ़ के रायपुर में में रहने लगा था। छत्तीसगढ़ व उड़ीसा पुलिस भी उसे जालसाजी में जेल भेज चुकी है। रायपुर में उसने रूबी कॉइन नाम की वर्चुअल कॉइन की शुरुआत की थी। फिर धीरे धीरे इसका प्रचार कर उसने फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया था। अपना पूरा गिरोह उसने तैयार कर लिया था। वह निवेशकों के खाते में फेरबदल करने का अधिकारी अपने पास भी रखता था। इसका फायदा उठाकर वह बीच-बीच में बदलाव किया करता था। निवेशक उसकी जालसाजी को समझ नहीं पाते थे। इसका फायदा उठाकर ही उसने करोड़ों की रकम हड़प ली थी।

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