हुजूर की शान में रात से सुबह तक रोशन रहे जलसे
लखनऊ में पैगंबर हजरत मोहम्मद की विलादत की पूर्व संध्या पर जलसे आयोजित किए गए। अमीनुद्दौला पार्क और इस्लामियां कॉलेज में शायरों ने कलाम पेश किया। मुख्य वक्ता मौलाना खालिद रशीद ने इस्लाम की शिक्षाओं पर...
-अमीनाबाद पार्क, इस्लामियां कॉलेज, चौक मण्डी, दरगाह शाहमीना शाह में हुए जलसे लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
पैगम्बर हजरत मोहम्मद की विलादत की पूर्व संध्या पर शहर भर में जलसे हुए। अमीनुद्दौला पार्क, अमीरुद्दौला इस्लामियां डिग्री कॉलेज, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया, चौक मण्डी, निजामबाग चौक, टीले वाली मस्जिद व अन्य जगहों पर हुए सीरतुन्नबी के जलसों में पैगम्बर मोहम्मद की शान बयां की और शायरों ने कलाम पेश किए।
मरकजी मीलादुन्नबी कमेटी की ओर से 74 वर्षों की तरह इस वर्ष भी झण्डे वाला पार्क अमीनाबाद में 75 वां जश्ने मीलादुन्नबी एवं अखिल भारतीय मुशायरा नात का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी मही ने मुसलमानों को नबी की तालीमात पर अमल करने और बिरादराने वतन के साथ मिलजुल कर देश की तरक्की में हिस्सा लेने की बात कही। शाहजहांपुर से आए जमीअत उलमा हिन्द यूपी के उपाध्यक्ष प्रो. नोमान ने इस्लाम में न केवल इंसानी बल्कि जानवरों तक के हुकूक बताए। उन्होंने कहा कि इस्लाम मानवता का संदेश वाहक है। मौलाना ने बताया कि इस्लाम ने महिलाओं और पड़ोसियों को बहुत हुकूक दिए है। पड़ोसियों का हक अदा करने में धर्म और जाति का कोई भेदभाव नहीं है। नदवा कॉलेज में हदीस के उस्ताद धर्मगुरु मौलाना फरमान नदवी ने ने कहा कि इस्लाम अकेला मजहब है जिसने आज से 1400 साल पहले महिलाओं को सम्मानजनक जिन्दगी गुजारने का हक दिया। उनकों को बाप की जायदाद में हिस्सा दिया। अंजुमन फलाहे दारैन के अध्यक्ष मौलाना जहांगीर आलम कासमी ने मुसलमानों को अल्लाह की रस्सी को मजबूती से थामे रखने की सलाह दी। एक मिनारा मस्जिद में जलसे को मौलाना कारी सिद्दीक ने खिताब किया। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में हुए जलसे को मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने खिताब किया।
-देर रात से सुबह तक गूंजे कलाम
झण्डे वाला पार्क में हुए जलसे में देर रात शायरों ने कलाम पढ़ना शुरू किए। सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। शायर कलीम नईमी ने दोनो आलम में जश्न-ए-मसर्रत है आज, धूम है सरवर ए अम्बिया आ गए, फर्श से अर्श तक बस यही है सदा, मुस्तफा आ गए मुस्तफा आए गए से हुजूर की शान बयां की। शायर रहमत लखनवी ने रहमत ए दो आलम की जिन पे रहमत है, उसको हर नफस हासिल जिन्दगी की राह है, शायर हसनैन राजोल्वी ने फकत जबान से जाहिर न इल्तिफात करो, खुद अपनी जात भी आईन ए सिफात करो कलाम सुनाकर समायीन की तालियां अपने नाम की। एमए हसीब एवं डा. कुद्दूस हाशमी के संचालन में हुए जलसे का समापन दुरुद सलाम के बाद देश की उन्नति और विश्व शांति की दुआ के साथ हुआ। इसके साथ ही इस्लामियां कॉलेज में जफरयाब जिलानी मेमोरियाल द्वारा जश्ने रहमत लिल आलमीन का आयोजन किया गया। महफिल की शुरुआत कारी मोहम्मद जुबैर खान रहमानी तिलावते कुरआन पाक से की। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली व अन्य उलेमाओं ने तकरीर की। अध्यक्षता जाकिर अली एडवोकेट ने की। नातिया मुशायरे में वासिफ फारूकी, असद आजमी, वसीम रामपुरी, काविश, कलीम तारिक, शाहनवाज नूर जलाल पुरी, आजम गोंडवी, मुजीब ने कलाम पेश किए। सुन्नी बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर से हुए निजामबाग चौपटियां में जलसा शहाबुद्दीन खान की अध्यक्षता में हुआ। शायर रफत शैदा सिद्दीकी, मैहशर गोडंवी, डा. जुबेर अंसारी, रिजवान फारुकी, साबिक लखनवी, खालिद अख्तर लखनवी, मसूद अहमद फहमी व अन्य हुजूर की शान में कलाम पेश किए। दरगाह हजरत मखदूम शाह मीना में मखदूम शाह मीना फाउंडेशन की ओर से शेख सगीर अली मिनाई सरपरस्ती और पीरजादा शेख शाकिर अली मिनाई की सदारत में जशने ईद मिलादुन्नबी जलसा हुआ।
-जुलूस मदहे सहाबा और जुलूसे मोहम्मदी आज
12 रबीउल अव्वल के मौके पर 16 सितम्बर को जुलूस-ए-मदहे सहाबा और जुलूस-ए-मोहम्मदी निकलेगा। जुलूस ए मदहे सहाबा सुबह नौ बजे झण्डेवाला पार्क से ऐशबाग ईदगाह तक जाएगा। वहीं जुलूस-ए-मोहम्मदी शाहमीना शाह दरगाह से दोपहर 12.30 बजे निकलेगा और ज्योतिबा फुले पार्क पंहुचेगा। जहां जलसे का आयोजन होगा।
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