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लखनऊ शूटआउट: ‘निर्मम हत्या’ को ‘आत्मरक्षा’ साबित करने की पटकथा लिखते रहे अधिकारी

इधर विवेक के परिजन उसकी मौत का मातम मना रहे थे उधर महकमे के अधिकारी अपने सिपाहियों की क्रूरता को ढांकने में लगे थे। अधिकारियों ने विवेक की नृशंस हत्या को आत्मरक्षा साबित करने के लिए पटकथा भी तैयार...

वरिष्ठ संवाददाता    लखनऊ। Sat, 29 Sep 2018 10:04 PM
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इधर विवेक के परिजन उसकी मौत का मातम मना रहे थे उधर महकमे के अधिकारी अपने सिपाहियों की क्रूरता को ढांकने में लगे थे। अधिकारियों ने विवेक की नृशंस हत्या को आत्मरक्षा साबित करने के लिए पटकथा भी तैयार की। इसके तहत विवेक और सना के चरित्र पर लांछन लगाने की भी कोशिश की गई। लेकिन, लोगों के सवालों के सामने पुलिस के झूठ का यह पुलिंदा ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। घटनास्थल की तस्वीर और चश्मदीद के बयान ने पुलिसिया कहानी की धज्जियां उड़ा दी। 

गोमतीनगर के विनयखण्ड-3 में रहने वाली सना इस वारदात की चश्मदीद गवाह है। मूल रूप से वाराणसी की रहने वाली सना ने बताया कि पहले वह ऐपल कंपनी में ही काम करती थी। फरवरी 2018 में उसने नौकरी छोड़ दी थी और एक दूसरी मोबाइल फोन कंपनी में काम करने लगी। हाल के दिनों में वह दोबारा से ऐपल कंपनी में नौकरी हासिल करने का प्रयास कर रही थी। इसके लिए वह एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी व अन्य अधिकारियों के संपर्क में थी। सना ने बताया कि शुक्रवार को ऐपल के नये मोबाइल फोन की लॉचिंग के दौरान वह विवेक तिवारी से मिलने ऑफिस गई थी। रात ज्यादा हो जाने पर सना ने विवेक से उसे घर छोड़ने का आग्रह किया। जिस पर विवेक उसे अपनी एसयूवी (यूपी 32 जीएफ 1213) में बैठाकर घर छोड़ने जा रहे थे। 

वसूली के लिए नीचता पर उतर आए थे सिपाही 
सना ने बताया कि गोमतीनगर विस्तार में मखदूमपुर चौकी के पास रात करीब 2 बजे विवेक गाड़ी रोककर उससे बात करने लगे। तभी गोमतीनगर थाने में तैनात सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार बाइक से वहां पहुंच गए। सिपाही उनसे अभद्रता करते हुए तरह-तरह के सवाल करने लगे। सना का आरोप है कि सिपाही उन पर भद्दे आरोप लगाकर वसूली करना चाहते थे। इससे सहमे विवेक ने गाड़ी आगे बढ़ा दी। आरोपी सिपाहियों का कहना है कि विवेक ने भागने के चक्कर में सरकारी बाइक में टक्कर मार दी। इसके बाद गाड़ी बैक करके तीन बार उन्हें रौंदने की कोशिश की। सिपाही प्रशांत चौधरी ने दोपहर में दिये अपने बयान में कहा कि उसने आत्मरक्षा के लिए विवेक पर गोली चलाई। हालांकि देर शाम प्रशांत चौधरी अपने बयान से पलट गया। उसने दूसरे बयान में कहा कि सर्विस पिस्टल लोड करते वक्त गलती से गोली चल गई थी।  

तो क्या गोली लगने के बाद 400 मीटर दौड़ाई गाड़ी 
सिपाही प्रशांत चौधरी के मुताबिक विवेक और सना सरयू अपार्टमेंट के पास गाड़ी खड़ी करके बैठे थे। जहां विवाद के बाद उसने गोली चलाई। गौरतलब है कि विवेक की गाड़ी मलेशेमऊ मजार के पास अंडरपास के पिलर से टकराई थी। सरयू अपार्टमेंट से अंडरपास की दूरी करीब 400 मीटर है। तो क्या गोली लगने के बाद विवेक ने अपनी एसयूवी से चार सौ मीटर तक का सफर तय किया। वह भी दो खतरनाक मोड़ को आसानी से पार करते हुए। इसके बाद एसयूवी अनियंत्रित होकर अंडरपास के पिलर से टकराई। इस पर लोगों का कहना है कि सिपाहियों ने पहले विवेक की गोली मारकर हत्या की और फिर उसकी गाड़ी का कृत्रिम एक्सीडेंट कराया। जिससे यह साबित हो सके कि वह अपराधियों की तरह पुलिस से बचकर भाग रहा था। 

25 मिनट बाद पहुंचाया अस्पताल 
सना ने बताया कि घटना के बाद आरोपी सिपाही फरार हो गए थे। क्योंकि वह अपना मोबाइल फोन घर पर भूल आई थी, लिहाजा वह किसी को फोन करके मदद भी नहीं मांग सकती थी। ऐसे में उसने गाड़ी से उतरकर मदद के लिए शोर मचाया। कुछ दूरी पर दो-तीन ट्रक चालक खड़े थे। उसकी चीख-पुकार सुनकर ट्रक चालक वहां आए लेकिन मदद नहीं की। इसके 5-10 मिनट बाद ही गोमतीनगर थाने की पुलिस वहां आ गई। करीब 25 मिनट बाद विवेक को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। घरवालों का कहना है कि अगर विवेक को तुरंत उपचार मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। 

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