लखनऊ : केजीएमयू में इस साल शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी
केजीएमयू में नए साल में मरीजों को कई तरह के तोहफे मिलेंगे। कई तरह की बीमारी का इलाज और सटीक ऑपरेशन होगा। केजीएमयू में रोबोट की मदद से आपरेशन होंगे। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। अफसरों ने...
केजीएमयू में नए साल में मरीजों को कई तरह के तोहफे मिलेंगे। कई तरह की बीमारी का इलाज और सटीक ऑपरेशन होगा। केजीएमयू में रोबोट की मदद से आपरेशन होंगे। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। अफसरों ने प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद जाहिर की है। यह जानकारी केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में दी।
कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि केजीएमयू में आधुनिक तकनीक से मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से रोबोट मंगाया जा रहा है। शताब्दी फेज एक में ट्रांसप्लांट यूनिट में चार ऑपरेशन थिएटर हैं। इसमें एक ऑपरेशन थिएटर में रोबोट लगाया जाएगा। इसमें कई तरह की बीमारियों का ऑपरेशन संभव होगा। उन्होंने बताया कि यूरो सर्जरी, गेस्टो सर्जरी, ईएनटी और कॉर्डियो वैस्कुलर थोरैसिक सर्जरी आदि विभाग के मरीजों का ऑपरेशन होंगे। कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने बताया कि केजीएमयू में डॉक्टरों की कमी है। 200 डॉक्टर रखे जाएंगे। कई विभागों में साक्षात्कार हो चुके हैं। तकनीकी पेंच के वजह से परिणाम घोषित नहीं हो पा रहा है। अनुमति के बाद जल्द ही डॉक्टरों की भर्ती होगी। इससे इलाज के साथ शिक्षण कार्य की व्यवस्था दुरुस्त होगी।
स्टेम सेल बैंक बनेगा
केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि ब्लड बैंक में स्टेम सेल बैंक स्थापित किया जाएगा। इससे स्टेम सेल थेरेपी से गंभीर बीमारी से पीड़ितों के इलाज में आसानी होगी। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. तूलिका चन्द्रा के मुताबिक स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में जन्म लेने वाले शिशु के नॉल स्टेम सेल यूनिट में भेजा जाएगा। इसमें परिवार के सदस्यों की अनुमति भी ली जाएगी। करीब पांच साल तक नाल से स्टेम सेल निकाला जाएगा। जिसे लिक्विड नाइट्रोजन में सहेजकर रखा जाएगा। जरूरतमंद मरीजों की जांच के बाद स्टेम सेल मुहैया करया जाएगा।
ह्यूमन मिल्क बैंक बनेगा
केजीएमयू बाल रोग विभाग की डॉ. माला कुमार ने बताया कि प्रदेश का पहला ह्यमन मिल्क बैंक बनेगा। क्वीनमेरी में भर्ती प्रसूताओं की काउंसिलिंग के बाद दूध लिया जाएगा। फिर उसकी जांच के बाद सहेजा जाएगा। तीन महीने तक इस दूध को सहेजकर रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि क्वीनमेरी में 30 प्रतिशत नवजात को माताएं कुछ वजह से स्तनपान नहीं करा सकती हैं। बीमारी व प्री म्योचोर शिशु को जन्म देने वाली मांओ में यह समस्या देखने को मिलती है।
कुंभ में केजीएमयू करेगा मदद
ट्रॉमा सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में केजीएमयू के 125 डॉक्टर जाएंगे। रोजाना आठ से 10 डॉक्टर मौजूद रहेंगे। जरूरतमंद मरीजों का मोतियाबिंद के ऑपरेशन भी होंगे। सक्षम, भाऊराव देवरस न्यास और सर गंगा राम हॉस्पिटल की मदद से एक लाख श्रृद्धालुओं को नजर का चश्मा बांटा जाएगा। मेडिसिन, डेंटल, सर्जरी समेत दूसरी बीमारी से पीड़ितों को इलाज मिलेगा।
42 वेंटिलेटर सही होंगे
केजीएमयू सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि जल्द ही गंभीर मरीजों के लिए 42 वेंटिलेटर संचालित किए जाएंगे। अभी 150 वेंटिलेटर चल रहे हैं। 10 वेंटिलेटर से यह सफर शुरू हुआ था। जनवरी में वेंटिलेटर चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 114 गरीब मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज उपलब्ध कराया जा चुका है।
ये हैं भविष्य की योजनाएं
’ केजीएमयू के बलरामपुर जिले में स्थित सेटेलाइट कैंपस की स्थापना
’ बर्न यूनिट का संचालन
’ लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा
’ तीमारदारों के लिए होटलनुमा सुविधाओं से लैस रैन बसेरा
’ केजीएमयू को एम्स का दर्जा दिलाने का लक्ष्य।
’ नए साल में महिला अस्पतालों में मरीजों को मिलेंगी ढेर सारी सौगात
’ मरीजों को अस्पतालों में मिलेगा तोहफा।
अस्पतालों में सुविधा
’ डफरिन अस्पताल में मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनेगा
’ सिविल अस्पताल में पीआईसीयू शुरु होगा
’ सिविल में नई सीटी स्कैन मशीन लगेगी। मुफ्त होगी जांच।
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