एलडीए कर्मचारियों के विरुद्ध विजिलेंस जांच का आदेश
Lucknow News - लखनऊ उच्च न्यायालय ने हिमालयन सहकारी आवास समिति द्वारा तय सीमा से अधिक जमीन लेने के मामले में जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि समिति ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों के साथ मिलकर करोड़ों...
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हिमालयन सहकारी आवास समिति की ओर से तय सीमा से अधिक जमीन लेने के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने निदेशक, विजिलेंस (स्थापना) को आदेश दिया है कि समिति द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों से मिलीभगत करके प्राधिकरण को करोड़ों रुपये का चूना लगाने व उक्त जमीनों को बेचने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच करें। न्यायालय ने यह भी कहा है कि प्राधिकरण व उक्त समिति के कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्यवाही की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से 20 जनवरी तक प्रस्तुत की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने 3 दिसम्बर को सुनंदा अग्रवाल की ओर से दाखिल एक अवमानना याचिका पर पारित किया। मामले में सुनवायी करते हुए न्यायालय ने पाया कि मामले में प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का मामला नहीं बन रहा है। वहीं, न्यायालय ने कहा कि इस केस की सुनवायी के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं, वे बहुत ही गंभीर हैं। ऐसे में वह जनहित को देखते हुए, अपनी आंखें नहीं बंद रख सकता है। यह कहते हुए न्यायालय ने मामले की विजिलेंस से जांच के आदेश दे दिए हैं। दरअसल अवमानना केस की सुनवायी के दौरान न्यायालय ने पाया कि हिमालयन सहकारी आवास समिति ने तय सीमा साढ़े 12 एकड़ से करीब दो गुना अधिक भूमि के एवज में प्राधिकरण से मुआवजा लेकर अपने सदस्यों को प्लाट दिया है। यह सरासर अवैध कृत्य है। ये जमीनें गोमती नगर विस्तार में स्थित हैं। न्यायालय के समक्ष यह तथ्य भी आया कि सरकार और प्राधिकरण की जांच में उक्त आवास समिति के खिलाफ काफी गड़बड़ियां पायी गयीं हैं जिसमें प्राधिकरण के कर्मचारियों की भी संलिप्तता सामने आई है।
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