लेसा: पारा चढ़ते ही 200 मेगावाट बिजली की मांग बढ़ी
- गोमतीनगर व फैजुल्लागंज सहित कई इलाकों में बिजली संकट रहता है - बिजली
- गोमतीनगर व फैजुल्लागंज सहित कई इलाकों में बिजली संकट रहता है
- बिजली गुल होने से उपभोक्ताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है
- रकाबगंज में शाम को बिजली गुल, देर रात तक अंधेरा
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता
राजधानी में गर्मी शुरू होते ही बिजली की खपत भी बढ़ती जा रही है। इससे ओवरलोड ट्रांसफार्मर फुंकने और केबल फाल्ट होने से कई इलाकों में घंटों बिजली संकट रहता है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पिछले एक माह में बिजली की मांग 200 मेगावाट तक बढ़ गई है।
लेसा में बिजली की कुल खपत रोजाना 1200 मेगावाट प्रतिदिन तक हो गई है, जबकि एक महीने पहले यह एक हजार मेगावाट तक थी। बिजली की मांग बढ़ने से गोमतीनगर विस्तार, गोमतीनगर, विकासनगर, फैजुल्लागंज सहित कई इलाकों में बिजली की कटौती काफी बढ़ गई है। दिन ही नहीं रात में भी बिजली कटौती हो रही है, जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मानसरोवर व फैजुल्लागंज में बिजली गुल
गोमतीनगर के विवेकखंड में सोमवार सुबह 6.45 बजे ट्रांसफार्मर खराब हो गया। सुबह के वक्त बिजली न आने से घरों में पानी का संकट खड़ा हो गया। परेशान लोगों ने उपकेंद्र पर सम्पर्क साधा, जिसके बाद बिजलीकर्मियों ने फाल्ट को दुरुस्त कर बिजली सप्लाई बहाल की। वहीं मानसरोवर योजना सेक्टर-ओ विस्तार में दिनभर बिजली की आवाजाही से लोग परेशान रहे। फैजुल्लागंज के श्याम विहार कॉलोनी, गायत्री विहार, दाऊदनगर सहित कई इलाकों में दिन में दो घंटे के लिए बिजली सप्लाई बंद रही। इसके अलावा रकाबगंज में शाम को सात बजे बिजली सप्लाई बंद हो गई। इससे घरों में पानी नहीं आया। परेशान लोगों ने उपकेंद्र से लेकर अभियंताओं तक सम्पर्क साधा लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इससे देर रात तक अंधेरा रहा।
गोमतीनगर में नये उपकेंद्रों का निर्माण नहीं
गोमतीनगर में बिजली की मारामारी है। बिजली की मांग बढ़ने के साथ ही ओवरलोडिंग शुरू हो जाती है। बिजली कटौती से बचने के लिए विभूतिखंड, विश्वासखंड व विनीतखंड सहित चार स्थानों पर उपकेंद्रों का निर्माण होना था, लेकिन एलडीए की तरफ से अभी जमीन नहीं मिली है।
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