लखनऊ में 13000 फ्लैट को नहीं मिल रहे खरीदार
आवास विकास और एलडीए की तमाम कोशिशें हो गईं बेकार दोनों सरकारी विभागों का करीब
विभिन्न योजनाओं में एलडीए तथा आवास विकास के करीब 13000 फ्लैट को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। एलडीए के आद्रा अपार्टमेंट तथा मृगशिरा अपार्टमेंट में पिछले 10-10 वर्षों से केवल दो-दो फ्लैट ही बिके हैं। बाकी की पूरी बिल्डिंग खड़े-खड़े खंडहर हो रही है। एलडीए उपाध्यक्ष ने निरीक्षण में इन अपार्टमेंट की दुर्दशा देखी। आवास विकास परिषद के ही करीब 11500 फ्लैट नहीं बिके। प्रदेश में बड़े पैमाने पर अभी भी आवास विकास तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण के फ्लैट रिक्त पड़े हुए हैं। इन योजनाओं में लोग फ्लैट ही नहीं खरीद रहे हैं। प्राधिकरण की कुछ योजनाओं की स्थिति तो ऐसी है जिसमें पिछले 10 वर्षों में केवल एक से दो फ्लैट ही बिके हैं। इन्हें बेचने के लिए आवास विकास परिषद तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन ग्राहक नहीं मिल रहे हैं। लोग आते हैं और इन्हें देखकर वापस चले जाते हैं। करीब 10 दिन पहले एलडीए वीसी ने भी इनका निरीक्षण किया। वह भी इन्हें देखकर हतप्रभ रह गए। क्योंकि कुछ फ्लैट ऐसे बने हैं जिनकी स्थिति काफी खराब है। कम जगह में बना दिए गए हैं। सुविधाओं के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं है। अकेले लखनऊ विकास प्राधिकरण के ही लगभग 1400 फ्लैट खाली हैं। आवास विकास परिषद के केवल लखनऊ जोन में ही 4127 फ्लैट खाली हैं। गाजियाबाद में 3719 तथा मेरठ जोन में 1488 फ्लैट खाली पड़े हैं।
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एलडीए ब्रोकर की मदद लेने की तैयारी में
लखनऊ विकास प्राधिकरण अपने रिक्त फ्लैटों को बेचने के लिए अब ब्रोकर की मदद लेने जा रहा है। इसके लिए बाजार में फ्लैट बेचने वाली कुछ एजेंसियों को हायर करने की तैयारी है। प्राधिकरण इन्हें फ्लैट बेचने के लिए इंसेंटिव देगा। प्राधिकरण उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया की जल्दी ही फ्लैट बेचने के लिए एजेंसी को हायर किया जाएगा।
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इन योजनाओं में 10 वर्ष में एक से दो फ्लैट ही बिके
एलडीए के मृगशिरा अपार्टमेंट तथा आद्रा अपार्टमेंट में पिछले 10 वर्ष में केवल एक से दो फ्लैट ही बिके हैं। आद्रा अपार्टमेंट में एलडीए ने 57 फ्लैट बनाए हैं। लेकिन इसमें से 10 वर्ष में केवल दो ही बिक पाए हैं। अब एलडीए वीसी ने इसमें तमाम सुधार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने एक सैंपल फ्लैट बनाने का निर्देश दिया है। जिसमें सोफा, बेड सहित सभी चीज भी होंगे।
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मृगशिरा अपार्टमेंट को सनराइज का हिस्सा बनाया जाएगा
एलडीए ने कानपुर रोड पर मृगशिरा अपार्टमेंट बनाया है। इस अपार्टमेंट के बीच में ही सनराइज अपार्टमेंट बना हुआ है। एलडीए उपाध्यक्ष ने इसे सनराइज अपार्टमेंट का हिस्सा बनाने का निर्देश दिया है। सनराइज अपार्टमेंट में भी अभी तक केवल एक फ्लैट ही बिका है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने सनराइज अपार्टमेंट का गेट नंबर एक को तोड़कर इसे बड़ा करने का निर्देश दिया है। यहीं से मृगशिरा अपार्टमेंट के लोगों का निकास होगा। सनराइज अपार्टमेंट तथा मृगशिरा अपार्टमेंट को एक करने के बाद इन दोनों की कीमत भी एक बराबर की जाएगी। इस अपार्टमेंट में भी एक मॉडल सैंपल फ्लैट बनाया जाएगा।
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इन पांच कारणों से नहीं बिक रहे फ्लैट
-- एलडीए के फ्लैटों के निर्माण की गुणवत्ता बहुत खराब है।
-- एलडीए के बनाए अपार्टमेंट में पार्क,स्विमिंग पूल, क्लब के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।
-- प्राधिकरण के फ्लैट अभी से ही खंडहर दिखते हैं। इनमें सीलन, सीपेज है। स्पेस के अनुसार कीमत भी ज्यादा है
-- आवास विकास के फ्लैटों की कीमतें काफी ज्यादा है।
-- आवास विकास के अपार्टमेंट में भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। गुणवत्ता भी बहुत अच्छी नहीं है।
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