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चैम्बर हटाने के विरोध में उबाल, बीच सड़क बाइकें खड़ी कर नारेबाजी

कलेक्ट्रेट के पास चैम्बर हटाने के विरोध में अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने डीएम के आदेश को गलत बताते हुए प्रदर्शन किया, जिससे ट्रैफिक बाधित हुआ। अधिवक्ताओं ने डीएम को चिट्ठी भेजकर अवैध कब्जों...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSat, 23 Nov 2024 09:53 PM
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कलेक्ट्रेट के पास चैम्बर हटाए जाने के विरोध में अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया। शनिवार को बड़ी संख्या में अधिवक्ता कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट के सामने पहुंचे। बीच रास्ते बाइकें लगाकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने स्वास्थ्य भवन चौराहे से कलेक्ट्रेट के सामने, राजस्व परिषद और कैसरबाग स्टैंड तक अतिक्रमण संबंधित डीएम के आदेश को गलत बताया है। अधिवक्ताओं ने कहा है कि डीएम की ओर से 14 नवम्बर को जारी इस आदेश में तथ्य सही नहीं है। प्रदर्शन के बीच दोनों ओर का ट्रैफिक थम गया। इस बीच अधिकारियों ने अधिवक्ताओं को समझबुझा कर शांत कराया। अधिवक्ताओं ने इस संबंध में डीएम को चिट्ठी भेजी हैं। इसमें पूर्व में दिए गए डीएम के आदेश का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि अवैध रूप से कब्जों की वजह से सड़क पर वाहनों का आवागमन बाधित हो रहा है। अधिवक्ताओं के वाहन की पार्किंग सड़क पर की जा रही है जिससे आम जनमानस के आवागमन में असुविधा होती है। अधिवक्ता विक्रम श्रीवास्तव, सहदेव सिंह, विकास साहू, सिद्ध नारायण त्रिवेदी, रिया रचना मिश्रा, शिवांगी द्विवेदी आदि ने संयुक्त पत्र जिलाधिकारी को भेजा है। अधिवक्ताओं का कहना है कि पहले हाईकोर्ट कैसरबाग में था जिससे उनके चैम्बर स्वास्थ्य भवन चौराहे से डीएम कार्यालय गेट तक बने थे। किसी प्रकार का नया निर्माण नहीं हुआ है। स्वास्थ्य भवन चौराहे से पहले और डीएम कार्यालय गेट के बाद जो अतिक्रमण है उससे अधिवक्ताओं का कोई लेना देना नहीं है। पूर्व में कमिश्नरी मोड़ से कैसरबाग बस अड्डे तक एवं रेजीडेन्सी से सीएमओ आफिस तक ट्रैफिक के लिए एकल मार्ग की व्यवस्था प्रशासन ने ही की थी। इससे ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं रहती थी।

अवैध रूप से चलाए जा रहे वाहन स्टैंड को नहीं लगने देंगे

अधिवक्ताओं ने कहा कि पूर्व में वाहन स्टैण्ड सेवा प्रणाली नगर-निगम से संचालित थी। पार्किंग में कोर्ट और कलेक्ट्रेट आने वाले सभी लोगों के वाहन खड़े होते थे। इस बीच कुछ लोग स्टैंड संचालित करते थे जो ट्रैफिक जाम का बड़ा कारण था। अधिवक्ताओं से विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि अवैध रूप से संचालित वाहन स्टैंड को नहीं लगने दिया जाएगा।

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