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मजदूरों का हक छीन रहे एलडीए के ठेकेदार व कंपनियां (वर्जन नहीं है)

Lucknow News - एलडीए की वसंतकुंज योजना में छापे में श्रम विभाग को मिली भारी अनियमितता, बिना पंजीकरण

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 12 May 2025 09:06 PM
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मजदूरों का हक छीन रहे एलडीए के ठेकेदार व कंपनियां  (वर्जन नहीं है)

एलडीए की वसंतकुंज योजना के सेक्टर-जे में श्रम विभाग के अधिकारियों ने छापा मारकर गंभीर श्रम कानून उल्लंघन का मामला पकड़ा है। कॉलोनी तथा राष्ट्र प्रेरणा केंद्र के लिए बन रहे 2x10 एमवीए तथा 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य में जो ठेकेदार कंपनी काम कर रही थी, उसका श्रम विभाग में पंजीकरण ही नहीं मिला। श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने इस मामले में एलडीए को नोटिस जारी कर दी है। श्रम विभाग के छापे में सामने आया है कि संबंधित निर्माण स्थल पर न तो श्रमिकों का पंजीकरण कराया गया था और न ही श्रम कानूनों के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाएं की गई थीं।

संबंधित ठेकेदार कंपनी का भी पंजीकरण नहीं था। निर्माण अधिनियम 1996 एवं उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार नियोजन तथा सेवा शर्तें विनियमन अधिनियम 1996 के तहत कार्य प्रारंभ करने से पूर्व श्रम विभाग में पंजीकरण अनिवार्य होता है। लेकिन पंजीकरण नहीं कराया गया। छापे की रिपोर्ट और नोटिस में श्रम विभाग ने एलडीए व ठेकेदार पर उल्लंघन के कई आरोप लगाए गए हैं। रजिस्टर व मास्टर रोल नहीं मिला निर्माण स्थल पर न तो मजदूरी दरों की सूचना लगी थी, न ही नियमावली का सारांश स्थानीय भाषा में प्रदर्शित किया गया। मजदूरी रजिस्टर, मास्टर रोल, जुर्माना रजिस्टर जैसे अनिवार्य दस्तावेज भी मौके पर उपलब्ध नहीं थे। मजदूरी की दरों का भी रिकॉर्ड नहीं मिला। अधिनियम की धारा-30(3) के तहत श्रमिकों को मजदूरी पर्ची देना अनिवार्य है, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। निर्माण कार्य की सूचना नहीं दी निर्माण कार्य प्रारंभ होने से 30 दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक होता है, जिसका पालन नहीं किया गया। मौके पर प्राथमिक चिकित्सा किट भी नहीं मिली। कार्यस्थल पर प्राथमिक उपचार सामग्री उपलब्ध न होने से धारा-36 का भी उल्लंघन हुआ। इसके अलावा तमाम अन्य अनियमितता पाई गई है। क्या कहता है कानून? उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 के तहत किसी भी निर्माण परियोजना में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा, सुविधा, चिकित्सा, और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना अनिवार्य है। नियमों के उल्लंघन की दशा में जिम्मेदार ठेकेदारों और एजेंसियों पर अभियोजन चलाया जा सकता है। ---------- कई परियोजनाओं में प्राधिकरण की लापरवाही यह मामला केवल एक कंपनी की चूक नहीं बल्कि विकास कार्यों में श्रमिकों की उपेक्षा और प्राधिकरण की निगरानी प्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। अकेले वसंतकुंज योजना में ही ठेकेदार कंपनियां ऐसा नहीं कर रहीं हैं बल्कि अन्य परियोजनों में भी मजदूरों के हकों के साथ घालमेल किया जा रहा है। उनके ईपीएफ खाते नहीं खोले गए हैं। ईएसआईसी भी नहीं कराया गया है। इससे मजदूरों को उनके हक नहीं मिल पा रहे हैं। वर्जन श्रम विभाग की नोटिस का जवाब दिया जाएगा। श्रम विभाग के नियमों का पालन करने का काम ठेकेदार का होता है। उसकी लापरवाही होगी तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही होगी। विवेक श्रीवास्तव, सचिव, एलडीए

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