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केजीएमयू में अगले साल बोन बैंक शुरू करने की तैयारी

केजीएमयू अगले साल तक एक बोन बैंक शुरू कर सकता है, जो हादसों में घायलों की हड्डियों को सुरक्षित रखेगा। यह प्रदेश के किसी सरकारी चिकित्सा संस्थान में पहली बार स्थापित होगा। ऑर्थोपेडिक सर्जरी के डॉ. आशीष...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 17 Nov 2024 06:22 PM
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केजीएमयू अगले साल तक बोन बैंक शुरू कर सकता है। बोन बैंक के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी की जा रही हैं। उम्मीद है कि अगले साल की शुरूआत में बोन बैंक सक्रिय हो सकता है। प्रदेश के किसी सरकारी चिकित्सा संस्थान में इस तरह का बोन बैंक पहली बार स्थापित होगा। यह जानकारी केजीएमयू ऑर्थोपेडिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार ने दी। हादसों में घायलों की हड्डियां रखेंगे सुरक्षित

केजीएमयू ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजी के पहले मास्टर क्लास का आयोजन हजरतगंज के होटल क्लार्क अवध में हुआ। आयोजन अध्यक्ष केजीएमयू के ऑर्थोपेडिक के डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि बोन बैंक में उन लोगों की हड्डियां सुरक्षित रखी जाएंगी, जिनका सड़क या किसी दूसरे हादसे में हाथ पैर या वह अंग खराब हो जाता है। उस जगह की हड्डी को बोन बैंक में रख लिया जाएगा। उसके बाद जरुरतमंद मरीज का कूल्हा व घुटना प्रत्यारोपण में उस हड्डी को काम में लाया जा सकेगा। क्योंकि सुरक्षित की गई हड्डी मानव शरीर से ही ली गई होंगी, इसलिए वह अप्राकृतिक हड्डी से बेहतर मरीज के शरीर में कार्य करेगी।

हर उम्र के मरीज हड्डी के ट्यूमर से पीड़ित

डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि हड्डी के ट्यूमर समाज के लिए एक गंभीर बीमारी है, क्योंकि उचित इलाज के अभाव में कई लोगों को अपने अंग या जान तक गंवानी पड़ती है। हर उम्र के मरीज इस बीमारी से पीड़ित हैं। इसका इलाज बहुत महंगा है। देश के अधिकांश मरीज निजी अस्पतालों में इस इलाज का खर्च नहीं उठा सकते हैं। समय के साथ कैंसर का इलाज सरकारी संस्थानों में बढ़ रहा है। फिर भी बड़ी संख्या में लोग उन अत्याधुनिक संस्थानों तक नहीं पहुंच पाते हैं। केजीएमयू का ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग कैंसर देखभाल से संबंधित अन्य विभागों के साथ मिलकर गरीब मरीजों के इलाज के लिए काम कर रहा है।

विभागों के साथ मिलकर काम करेगा बोन बैंक

डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि आयुष्मान, असाध्य, बीपीएल, विपन्न आदि जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत क्यूरेटेज, सीमेंटिंग, मेगाप्रोस्थेसिस, इंजेक्शन, क्रायोथेरेपी आदि इलाज दिया जा रहा है। इलाज में कीमो, रेडियोथेरेपी और सर्जरी शामिल है। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के मार्गदर्शन से जल्द ही डालीगंज लिंब सेंटर के पास सुपर स्पेशियलिटी भवन में बोन बैंक शुरू होगा।

कार्यक्रम में रेडियोडायग्नोसिस से प्रो. मनोज कुमार, रेडियोथेरेपी से प्रो. सुधीर सिंह, मेडिकल और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी से प्रो. समीर गुप्ता, होमी भाभा कैंसर अस्पताल चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. आशीष गुलिया, एम्स, भोपाल व गोरखपुर के निदेशक प्रो. अजय सिंह, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट प्रो. सीमा गुलिया, नई दिल्ली से डॉ. अक्षय तिवारी व डॉ. ब्रजेश नंदन, मोहाली से डॉ. जगनदीप एस विर्क, कोयंबटूर से डॉ. राजभास्कर आर आदि रहे।

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