केजीएमयू कर्मचारियों को आसानी से नहीं मिलेंगी मुफ्त दवाएं
केजीएमयू के डॉक्टर और कर्मचारियों को अब मनमर्जी की दवाओं की लोक परचेज करने की अनुमति नहीं है। प्रशासन ने चार प्रकार की दवाओं के लिए नियम सख्त कर दिए हैं, जिससे करीब 6000 डॉक्टरों और कर्मचारियों को...
केजीएमयू के डॉक्टर-कर्मचारी अब मनमर्जी की दवाओं की लोक परचेज नहीं करा सकेंगे। केजीएमयू प्रशासन ने चार प्रकार की दवाओं के लिए नियमों को सख्त कर दिया है। इससे डॉक्टर व कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है। केजीएमयू में करीब 6000 नियमित डॉक्टर व कर्मचारी हैं। रेजिडेंट, नियमित डॉक्टर-कर्मचारियों संग इनके आश्रितों का इलाज पूरी तरह से फ्री है। दवाओं का खर्च भी केजीएमयू प्रशासन वहन करता है। अभी तक डॉक्टर व कर्मचारी आयुर्वेदिक, कॉस्टमैटिक, न्यूट्रिशन व दूसरी फैंसी दवाएं धड़ाधड़ लिखवाते थे। इस पर केजीएमयू प्रशासन हर महीने लाखों रुपये फूंक रहा है।
केजीएमयू सीएमएस डॉ. बीके ओझा ने 23 सितंबर को आदेश जारी किया। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि डॉक्टर-कर्मचारी चार प्रकार की दवाओं का इंडेंट लिखवाने से बचें। यदि जरूरी है तो दवाओं के अधिकृत विक्रेता के नाम व मोबाइल नम्बर भी दर्ज कराएं। ताकि दवा क्रय में दिक्कत न हो। उन्होंने बताया कि यदि दवाओं का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है तो 15 से 30 दिन के भीतर दवाओं को लोकल परचेज व एचआरएफ स्टोर में वापस कर सकते हैं।
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