केजीएमयू में मरीजों, तीमारदारों को भोजन वितरित करने पर सख्ती
Lucknow News - केजीएमयू प्रशासन ने मरीजों और तीमारदारों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सख्ती से आदेश जारी किया है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति या स्वंयसेवी संस्था अब बाहर से भोजन नहीं बांट सकेगी। अगर कोई संस्था भोजन...
केजीएमयू में स्वंयसेवी संस्थाएं या कोई बाहरी व्यक्ति अब बाहर से भोजन लाकर मरीजों या तीमारदारों को नहीं बांट सकेगा। केजीएमयू प्रशासन ने सख्ती से यह आदेश लागू कर दिया है। केजीएमयू के पीआरओ डॉ. केके सिंह और एमएस डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि यह कदम मरीजों और तीमारदारों के स्वास्थ्य को देखते हुए लिया गया है। जिससे की मरीजों और तीमारदारों को गुणवत्ता पूर्ण भोजन मिल सके। उसका स्वास्थ्य और सुरक्षा भी बनी रहे। केजीएमयू प्रशासन ने परिसर में भोजन कंबल आदि बांटने की गाइडलाइन जारी कर दी है। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर समेत कई विभागों के बाहर सुबह से देर रात तक बड़े पैमाने पर लोग भोजन या कपड़े आदि बांटते रहते हैं। ये लोग कौन हैं? कहां से किस तरह का और कितने दिन पुराना भोजन लाए हैं? इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं होती है। ऐसे तमाम बिंदुओं को लेकर केजीएमयू प्रशासन ने सख्त आदेश जारी कया है। केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने छह सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसकी रिपोर्ट आने पर केजीएमयू के एमएस डॉ. सुरेश कुमार की ओर से शुक्रवार को परिसर में भोजन बांटने की गाइडलाइन जारी की गई है। तय शर्तों के मुताबिक कोई सामाजिक संस्था, व्यक्ति या एनजीओ भोजन बांटना चाहती है तो उसे पर्यावरण विभाग के एचओडी से अनुमति लेनी होगी। उसे बताना होगा कि किस तारीख को कहां पर कितने लोगों को भोजन बांटना है? इसके बाद मेन्यू कार्ड और उसके मुताबिक केजीएमयू की रसोई में भोजन बनवाने पर आने वाले खर्च के मुताबिक शुल्क जमा करना होगा। शुल्क जमा की रसीद केजीएमयू का किचन संचालक देगा। तय तारीख पर किचन से बायोडिग्रेडबल पैकेट में भोजन पैक करके संस्था या व्यक्ति को सौंपा जाएगा। केजीएमयू के किचन से तैयार पैकेट तय जगह पर बांटा जा सकेगा। यदि कोई केजीएमयू के बाहर से बना भोजन लाकर वितरित करना चाहता है तो एफएसएसएआई प्रमाणित रसोई का भोजन डिब्बा बंद लाना होगा।
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