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सर्दी में ठिठुर रहे तीमारदार, अलाव का पता नहीं

Lucknow News - केजीएमयू और लोहिया संस्थान में तीमारदार सर्दी में ठिठुर रहे हैं। अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है। ओपीडी में रोज हजारों मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, लेकिन ठंड से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं है। रैन बसेरों...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 31 Dec 2024 06:29 PM
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केजीएमयू व लोहिया संस्थान में तीमारदार सर्दी में ठिठुर रहे हैं। अलाव का अभी तक पता नहीं है। तीमारदार किसी तरह खुले आसमान के नीचे रात व दिन गुजारने को मजबूर हैं। इंतजाम को भी लगी सर्दी

केजीएमयू की ओपीडी में प्रतिदिन सात से आठ हजार मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। ओपीडी में कई प्रदेशों से मरीज आ रहे हैं। डॉक्टर की सलाह व जांच आदि में एक से दो दिन का समय लगता है। इन मरीजों को ठंड से बचाव के लिए संस्थान प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। परिसर में कई रैन बसेरे हैं। इनमें सर्दी से बचाव का कोई इंतजाम नहीं है। मरीज व तीमारदारों की भीड़ के मुकाबले रैन बसेरे में जगह का संकट है। ऐसे में तीमारदार परिसर में जगह-जगह ठहरे हैं। मंगलवार को न्यू ओपीडी के पास फुटपाथ पर बीमार बुजुर्ग पति को लेकर बैठी शांति ने बताया कि वह बीते दो दिनों से ओपीडी में पति नरेश को दिखा रही हैं। उन्हें यूरिन बैग भी लगा है। घर गोंडा में है। लिहाजा उन्हें रोज ला ले जाना कठिन है। इसलिए फुटपाथ पर रुकने को मजबूर हैं। इसी प्रकार शाहजहांपुर के कबीर ने बताया कि ओपीडी में दिखाने आए हैं। डॉक्टर साहब ने जांचें लिखी हैं। इसमें दो से तीन दिन का वक्त लग रहा है। मजबूरन रुकना पड़ रहा है। रैन बसेरे में जगह नहीं है। लिहाजा एचआरएफ काउंटर के पास टीन शेड के नीचे रात गुजारने को मजबूर हूं। अलाव का कोई इंतजाम नहीं है। ठंडी हवाओं से जीना मुहाल है।

तीमारदार बीमारी की चपेट में

लोहिया संस्थान में ओपीडी के सामने बड़ी संख्या में तीमारदार ठहरे हुए हैं। बहराइच निवासी सविता ने बताया कि पति को कैंसर हैं। 15 दिन से इलाज चल रहा है। संस्थान में ठहरने के लिए इंतजाम नहीं है। दिन भी ठंड में गुजारना पड़ रहा है। रात बरामदे में कट रही है। ठंड की वजह से मैं बुखार व सर्दी की चपेट में आ गई हूं। गोंडा निवासी हरीश ने बताया कि पिता को पेट संबंधी बीमारी है। 10 दिन से इलाज चल रहा है। तीमारदारों के ठहरने का इंतजाम नहीं है। हॉस्पिटल ब्लॉक में रैन बेसरा है। उसमें जगह नहीं है। अलाव भी कहीं नहीं जल रहा है। इसकी वजह से सर्दी में खासी दिक्कत हो रही है।

बदइंतजामी से तीमारदार बेहाल

बलरामपुर, डफरिन व सिविल समेत दूसरे अस्पतालों में भी तीमारदारों को सर्दी से बचाव का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। अलाव का अता-पता नहीं है। बदइंतजामी हावी है। अफसरों की सुस्ती का खामियाजा तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है। खुले आसमान के नीचे दिन व रात गुजारने को मजबूर हैं। शिकायत के बाद भी अलाव का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

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