Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊKGMU Administration Takes Action After Death of Woman at KD Hospital 5 Resident Doctors Dismissed

मरीजों को शिफ्ट करने के खेल में केजीएमयू के पांच रेजिडेंट डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त

खदरा के केडी अस्पताल में महिला की मौत के बाद केजीएमयू प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉ. रमेश कुमार को निष्कासित करने के बाद पांच नॉन पीजी रेजिडेंट डॉक्टरों की सेवाएं भी समाप्त...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 17 Nov 2024 10:44 PM
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खदरा के केडी अस्पताल में महिला की मौत के बाद केजीएमयू प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। प्राइवेट प्रैक्टिस में शामिल ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉ. रमेश कुमार के निष्कासन के बाद अब पांच नॉन पीजी रेजिडेंट डॉक्टरों की भी सेवाएं समाप्त कर दी हैं। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करने के खेल में इन पांच नॉन पीजी रेजिडेंटों डॉक्टरों की संलिप्तता भी सामने आई है। केजीएमयू के सभी विभाग मरीजों से ओवरलोड रहते हैं। ट्रॉमा सेंटर आने वाले मरीजों का दबाव सबसे अधिक रहता है। इसके चलते मरीजों को ट्रॉमा में बेड और इलाज मिलने में कुछ दुश्वारियां झेलनी पड़ती हैं। कई मरीजों को तो तुरंत भर्ती कर इलाज मुहैया कराना होता है, लेकिन बेड न होने से उन्हें बाहर इंतजार करना पड़ता है। इसी दबाव और मरीजों को बेहतर इलाज देने का दावा कर केजीएमयू के रेजिडेंट व दूसरे डॉक्टर फायदा ले रहे हैं। वे केजीएमयू से मरीजों को दूसरे निजी अस्पताल में ले जाकर इलाज करते हैं।

खदरा के केडी अस्पताल में लखीमपुर खीरी के महराजनगर निवासी आशा कार्यकर्त्री पूनम मौर्य (32) की मौत हो गई थी। पति सुरेंद्र पाल ने गलत इलाज का आरोप लगाकर सीएमओ से शिकायत की तो इस मामले ने तूल पकड़ा। उसके बात यह बात सामने आई कि केजीएमयू के ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉ. रमेश कुमार ने केडी अस्पताल में पूनम का इलाज किया, जिससे मौत हो गई। मामले में केजीएमयू के डॉक्टर की संलिप्तता मिलने और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के संज्ञान लेने पर सख्ती से जांच शुरू हुई। केजीएमयू प्रशासन ने दो दिन पहले ही ईएनटी के डॉ. रमेश को निष्कासित कर दिया।

अब केजीएमयू प्रशासन ने मरीजों को अच्छे इलाज का झांसा देकर निजी अस्पताल भेजने वाले ट्रॉमा सेंटर में तैनात पांच नॉन पीजी रेजिडेंट की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। केजीएमयू के एमएस डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि कुछ नॉन पीजी रेजिडेंट के खिलाफ ट्रॉमा व केजीएमयू से मरीजों को शिफ्ट करने की शिकायत मिल रही थी। मामले की जांच कराने पर शिकायत सही पाई गई। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने इन पांच रेजिडेंट की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

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