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नरेंद्र मोदी के हाथ में कमान आने पर विपक्ष को याद आई जातीय जनगणना: केशव प्रसाद

Lucknow News - -कांग्रेस और इंडी गठबंधन करते रहे हैं जातीय जनगणना का विरोध: केशव प्रसाद

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 30 April 2025 08:10 PM
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नरेंद्र मोदी के हाथ में कमान आने पर विपक्ष को याद आई जातीय जनगणना: केशव प्रसाद

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि जातीय जनगणना से समाज और आर्थिक और सामाजिक रूप से मज़बूत होगा। इससे देश की प्रगति को पंख लग जाएंगे। देश में एक नई ऊर्जा का संचार होगा जो विकसित भारत में सहायक होगा। उन्होंने बुधवार को यह बयान सोशल मीडिया पर जारी किया।

जातीय जनगणना के मोदी सरकार फ़ैसले का स्वागत करते हुए इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति शक्ति वाला नेता ही यह फ़ैसला ले सकता है। आजादी के बाद कई दशकों तक राज करने वाली कांग्रेस हमेशा ही जातीय जनगणना का विरोध करती रही है। कटु सच्चाई यह है कि पिछड़े वर्ग से ताल्लुक़ रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश की कमान आने के बाद ही कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग का ख़्याल आया। उसके बाद कांग्रेस पिछड़ा वर्ग का राग अलापने लगी।

कांग्रेस करती रही है विरोध

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने 2010 में लोकसभा में आश्वासन दिया था कि कैबिनेट में जातीय जनगणना पर विचार किया जाएगा। तब अधिकांश दल इस समाजिक न्याय की बात कर रहे थे। तबके गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जातियों की गिनती जनगणना में नहीं, बल्कि अलग से कराई जाएगी। कांग्रेस सरकार ने जातीय जनगणना के बजाय एक सर्वे कराना उचित समझा जिसे एसइसीसी के नाम से जाना जाता है, उस पर 4893.60 करोड़ रुपये फूंक दिए। इसमें 8.19 करोड़ ग़लतियां पाईं गई। जुलाई 2015 में इसका खुलासा हुआ।

कांग्रेस और इंडी गठबंधन के बाकी दलों ने नाहक रूप से जातीय जनगणना के अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल किया, जबकि वह इस मामले में क़तई गंभीर नहीं थे। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने जातिगत सर्वे। कराया था, लेकिन उसे कभी सार्वजनिक नहीं किया। जो आंकडे जुटाए भी थे, उनमें पारदर्शिता का घोर अभाव था। सीधी बात है कि जातिगत जनगणना, जनगणना के साथ ही संभव हो सकती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी भी जातीय जनगणना का विरोध नहीं किया। गृहमंत्री अमित शाह ने कई दफ़ा यह स्पष्ट किया कि भाजपा जनगणना के खिलाफ नहीं है। भाजपा ने बिहार में भी जातीय जनगणना का समर्थन किया था। उन्होंने 18 सितंबर, 2024 को एलान किया था कि इस फ़ैसले को जनगणना की घोषणा के वक्त एलान किया जाएगा और आज वह घड़ी आ गई।

उन्होंने कहा कि तथ्य है कि वर्ष 1931 तक देश में जातिगत जनगणना होती थी, 1941 में भी डाटा जुटाया गया, लेकिन उसे प्रकाशित नहीं किया गया। 1951 से 2011 तक जनगणना में हरेक बार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का डेटा दिया गया, लेकिन ओबीसी और दूसरी जातियों का नहीं। उन्होंने कहा का आरएसएस ने जातीय जनगणना समाज की भलाई के लिए होना चाहिए। प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए मौर्य ने कहा कि मोदी सरकार ने जातीय जनगणना का एलान करके देश में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया है जो विकसित भारत बनाने में सहायक होगी।

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