जाने-अनजाने में की गई भूल के लिए एक-दूसरे से मांगी क्षमा
क्षमावाणी पर्व पर काकोरी में निकली शोभा यात्रा, बच्चों ने दिखाए करतब लखनऊ,
क्षमावाणी पर्व पर काकोरी में निकली शोभा यात्रा, बच्चों ने दिखाए करतब लखनऊ, संवाददाता।
जैन धर्म के सबसे बड़े दशलक्षण महापर्व का समापन बुधवार को क्षमा वाणी पर्व के साथ हुआ। इस अवसर पर जैन समाज की महिलाओं, पुरुष, वृद्ध व बच्चों ने एक दूसरे से जाने-अनजाने में की गई भूल या गलती के लिए मन, वचन और काया से हाथ जोड़कर ‘मिच्छामी दुक्कड़म कहकर क्षमा मांगी।
परस धाम काकोरी से निकली शोभा यात्रा
सर्वप्रथम जैन मंदिरों में नित्य नियम पूजा व भगवान आदिनाथ की प्रतिमा को पनडु्कशीला पर विराजमान कर शांतिधारा व अभिषेक के बाद क्षमावाणी पर्व की पूजा हुई। परस धाम काकोरी में महापर्व के समापन समारोह के दौरान शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें पीले वस्त्र में छोटे बच्चों ने योग के अनेक करतब प्रस्तुत किए। वहीं 10 व पांच दिन का उपवास करने वालों का पाड़ना (उपवास के बाद किए जाने वाला भोजन) हुआ। मीडिया प्रभारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि 19 सितंबर को काकोरी स्थित पारस धाम में सामूहिक क्षमावाणी मनाई जाएगी।
इंदिरानगर जैन मंदिर में व्रतियों का हुआ सम्मान व वात्सल्य भोज
इंदिरानगर स्थित जैन मंदिर में क्षमावाणी पर्व पर सभी ने भगवान का अभिषेक किया। विश्वशांति की कामना के साथ शांतिधारा हुई। सभी व्रतियों को प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मान किया गया। वात्सल्य भोज का आयोजन भी हुआ। जैन समाज के मंत्री अभिषेक जैन समेत सभी ने ज्ञात-अज्ञात और प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष भूलों के लिए एक दूसरे से और समाज से क्षमा मांगी। इस अवसर पर अनूप जैन, मनोज, अनुरोध, ऋषभ, अरविंद, अतिशय, आयुष, अरिंजाय, भरत, दिव्य समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
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