नौकरी गई-रोजगार ठप तो गहने गिरवी रख चला रहे खर्चा
पिछले एक महीने में 1200 लोगों ने गहने गिरवी रखें सराफा कारोबारियों व फाइनेंस...
पिछले एक महीने में 1200 लोगों ने गहने गिरवी रखें
सराफा कारोबारियों व फाइनेंस कंपनियों से लिया पैसा
50 हजार से दो लाख रुपये तक लिया लोन
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता
कोरोना महामारी ने लोगों की आर्थिक स्थिति भी खराब कर दी है। किसी के घर का कोई सदस्य बीमार है तो किसी का कारोबार ठप हो गया। मजबूरी में लोग घर के खर्च व इलाज के लिए सोना गिरवी रखकर लोन ले रहे हैं। पिछले एक महीने में राजधानी में गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या 1200 तक पहुंच गई है। अब तक करीब पांच करोड़ रुपये का लोन लोग ले चुके हैं। सराफा कारोबारियों के मुताबिक कोरोना के इलाज में निजी अस्पतालों के मेडिक्लेम केशलैस को स्वीकार नहीं करने की वजह से लोग गोल्ड लोन ले रहे हैं।
बालागंज निवासी संतोष कश्यप प्राइवेट नौकरी करते थे। अप्रैल में बेटे की तबीयत खराब हो गई। घर में रखी नगदी खत्म हो गई तो उन्होंने सराफा कारोबारी के पास सोने की अंगूठी, चेन रखकर 60 हजार रुपये लिये। जानकीपुरम निवासी संध्या सिंह ने बताया कि वह ब्यूटी पार्लर में काम करती थीं लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण सब बंद है। पति की नौकरी भी चली गई। घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया था। सोने की दो अंगूठी और चेन रखकर 75 हजार रुपये लोन लिया।
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सोने के बिस्कुट और सिक्के नहीं लेते बैंक
लीड बैंक मैनेजर वीवी मिश्रा ने बताया कि आरबीआई की गाइडलाइन के तहत बैंक या गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी) गोल्ड लोन देते हैं। बैंकों को सोने के बिस्कुट और सोने के सिक्के पर गोल्ड लोन देने की मंजूरी नहीं है। ऐसे कई लोग सोने के बिस्कुट, सिक्के या पुरानी धार्मिक लॉकेट लेकर पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें गोल्ड लोन नहीं मिल पाता है।
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60 फीसदी में ग्राहक ने मेडिकल इमरजेंसी बताई
मुथूट फाइनेंस के ब्रांच मैनेजर मनीष मिश्रा ने बताया कि आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार गोल्ड लोन देते समय कारण पूछा जाता है। अभी जितने लोन मंजूर हुए, उनमें से 60 फीसदी में ग्राहक ने मेडिकल इमरजेंसी बताई है। पिछले एक महीने में कई नये ग्राहकों ने गोल्ड लोन लिया है।
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जरूरतमंद आ रहे गोल्ड लोन लेने
भारत इंफोलाइन फाइनेंस लिमिटेड (आईआईएफएल) के मैनेजर संजय तिवारी ने बताया कि सामान्य दिनों में कारोबारी गोल्ड लोन ज्यादा लेते हैं। वे माल मंगाने के लिए लोन लेते हैं और माल बेचने के बाद भुगतान कर गोल्ड वापस ले लेते हैं, लेकिन इस समय कोई कारोबार नहीं चल रहा है। इस वक्त सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति लोन ले रहा है।
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन (कैट विंग) के संस्थापक विनोद माहेश्वरी ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के कारण जरूरतमंद लोग सोने के गहने, ब्रेसलेट, कड़े, पेंडेंट से लेकर मंगलसूत्र तक गिरवी रख रहे हैं। 15 अप्रैल से 15 मई के बीच किसी ने 50 हजार तो किसी ने दो से पांच लाख तक का गोल्ड लोन लिया है।
गहने गिरवी रखकर अपनों की जान बचाने में मददगार
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी ने बताया कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को गहने रखने की परंपरा रही है। सुंदरता बढ़ाने के साथ सोना मुसीबत के वक्त काम भी आ रहा है। कोरोना काल में अप्रैल से अब तक करीब 1200 लोगों ने गहने गिरवी रखकर अपनों की जान बचाने व परिवार का खर्चा चला रहे हैं।
1200 लोगों ने लखनऊ में गोल्ड लोन लिया
765 लोगों ने मेडिकल कारणों से गोल्ड लोन लिया
435 लोगों ने अन्य कारणों से लोन लिया
05 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन अब तक दिया चुका है
02 करोड़ रुपये का लोन सराफा कारोबारियों ने दिया
03 करोड़ रुपये का लोन फाइनेंस कंपनियों ने दिया
(आंकड़े सराफा कारोबारियों व फाइनेंस कंपनियों के अधिकारियों से बातचीत पर आधारित)
कोरोना महामारी के कारण 31 मई तक बैंक सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक खुल रहे हैं। इस दौरान सिर्फ पैसा जमा व निकासी का काम हो रहा है। इस दौरान पर्सनल लोन सहित अन्य कामकाज बंद हैं।
वीवी मिश्रा
लीड बैंक मैनेजर, लखनऊ
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