Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊInternational Buddhist Conclave 2024 Pali Literature Conference Begins in Uttar Pradesh

जो देश बुद्ध का अनुयायी होगा, वहां शांति और एकता होगी

अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान एवं पर्यटन विभाग द्वारा तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बौद्ध स्थलों के जीर्णोद्धार के प्रयासों...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSat, 9 Nov 2024 09:07 PM
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अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान एवं पर्यटन विभाग की ओर से तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव के अन्तर्गत पालि साहित्य सम्मेलन-2024 शनिवार से शुरू हुआ। बुद्धविहार शान्ति उपवन में सम्मेलन का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने किया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सारनाथ, संकिसा, कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशाम्बी आदि प्रमुख बौद्ध स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए किये गये प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ‘बुद्ध के विचार अपनाने से इच्छाओं का त्याग, क्रोध को वश में करने, मन को शान्त रखने तथा ज्ञान के विस्तार में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि जो देश बुद्ध का अनुयायी होगा, वहां शान्ति और एकता तथा आर्थिक विकास स्वतः ही हो जायेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा में पालि का प्रमुख स्थान है तथा इसे विश्व स्तर पर सवंर्धित किया जायेगा। आपने विपश्यना के महत्व पर प्रकाश डाला। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि भगवान् बुद्ध ने जनता के बोलचाल की सर्वमान्य भाषा पालि में अपने लोक कल्याणकारी उपदेश दिये थे, लेकिन धीरे-धीरे यह भाषा प्रचलन में कम हो गई थी। इसको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुनः स्थापित करने के लिए शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया। इसी क्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में अभिधम्म दिवस तथा प्रथम एशियन बुद्धिस्ट समिट का आयोजन भी किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील है। भविष्य में स्कूल शिक्षा तथा उच्च शिक्षा में पालि भाषा एवं साहित्य को विशेष तौर पर लागू कराने की योजना है। थाईलैण्ड से आये फ्रा भदन्त डॉ चरन सुथी ने बताया कि पालि भाषा बौद्ध धर्म का मूल तत्व है तथा नैतिकता, शील, सदाचार और उच्च आध्यात्मिक महत्व के कारण सम्पूर्ण विश्व में पालि भाषा को बहुत अधिक महत्व प्राप्त है। हरगोविंद बौद्ध ने बताया कि पालि साहित्य मुख्य रूप से भगवान बुद्ध के उपदेशों का संगृह है तथा भगवान बुद्ध तथा सम्राट अशोक के समय इसकी बहुत उन्नति हुई। इस अवसर पर पूज्य भदन्त विनयरक्खित महाथेरो को सद्धम्म गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के निदेशक डॉ० राकेश सिंह ने बताया कि भगवान बुद्ध ने संसार को विश्व शांति का उपदेश दिया, बुद्ध के सिद्धांतों का पालन करके आज के समाज का बहुमुखी विकास किया जा सकता है। सम्मेलन के पहले सत्र की अध्यक्षता चित्रकूट रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर पाण्डेय एवं दूसरे सत्र की अध्यक्षता नव नालंदा महाविहार के पूर्व कुलपति प्रो राम नक्षत्र प्रसाद ने किया। इस मौके पर भदंत डॉ राहुल बोधि, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम समेत अन्य शामिल रहे। सम्मेलन का समापन 11 नवम्बर को होगा।

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