40 लोगों ने किया आवेदन, हमारे लॉकर में रखे थे जेवर
Lucknow News - इंडियन ओवरसीज बैंक के 40 लॉकर धारकों ने आवेदन किया है कि उनके लॉकर में गहने और पैसे रखे थे। बैंक अधिकारियों ने दस्तावेज मांगे हैं ताकि यह जांचा जा सके कि किस खाता धारक के पास कितने जेवर थे। शिनाख्त के...
इंडियन ओवरसीज बैंक के 40 लॉकर धारकों ने आवेदन किया है कि उनके लॉकरों में गहने रखे थे। कुछ ने यह भी बताया कि उन्होंने रुपये भी रखे थे। बैंक अधिकारियों और एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह द्वारा गठित कमेटी ने इनसे जेवरों से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। गुरुवार दोपहर से शुक्रवार तक खाता धारक ज्योति श्रीवास्तव, ऊषा कुशवाहा, नेहा राजपूत, रेनू सिंह, गीता सिंह, लक्ष्मी समेत 40 ने बैंक में प्रार्थनापत्र दिए हैं कि उनके लॉकर में जेवर रखे थे। अब दस्तावेजों के आधार पर पुलिस और कमेटी जांच करेगी कि किस खाता धारक के कितने जेवर थे। एडीसीपी पंकज सिंह ने बताया कि कुछ खाता धारकों ने जेवरों और नकदी का ब्योरा दिया है। कुछ ने जेवरों से संबंधित दस्तावेज बिल रसीद आदि भी दी है। जिन्होंने यह जानकारी अभी उपलब्ध नहीं कराई है उनसे कहा गया है कि जेवरों की बनावट कैसी थी? अथवा उनका वजन कितना था? यह ब्योरा दें, जिससे उनके जेवरों की शिनाख्त कराई जा सके। शिनाख्त के बाद सारी रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाएगी। इसके बाद ग्राहकों को जेवर रिलीज किए जाएंगे।
दो घंटे पुलिस को घुमाता रहा मिथुन, फिर बोला रास्ता भूल गया
चिनहट पुलिस ने गिरफ्तार बदमाश मिथुन से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे और गिरोह के अन्य साथियों को मास्टरमाइंड विपिन ने इंदिरानगर के एक होटल में रोका था। एडीसीपी पूर्व ने बताया कि पुलिस टीम मिथुन को लेकर विपिन के घर और होटल की पहचान कराने के लिए इंदिरानगर ले गई। वह करीब दो घंटे चिनहट पुलिस को एक गली से दूसरी गली में इंदिरानगर तकरोही में घुमाता रहा। इसके बाद उसने कहा कि वह रास्ता भूल गया है। उसे रास्ता याद नहीं आ रहा है। इसके बाद हताश पुलिस उसे थाने लेकर पहुंची। फिर उसे जेल भेज दिया गया।
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