लखनऊ विकसित करेगा डेंगू, चिकनगुनिया व जीका वायरस की जांच किट
सीडीआरआई और केजीएमयू ने मच्छरों से होने वाली बीमारियों की पहचान के लिए किट विकसित करने का करार किया है। इसमें डेंगू, चिकनगुनिया और जीका वायरस की जांच शामिल है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भारत...
-सीडीआरआई में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का आगाज -डायग्नोसिस किट विकसित करने के लिए सीडीआरआई और केजीएमयू में करार
-स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच भारत को मजबूत करने का महत्वपूर्ण घटक
लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।
केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) और केजीएमयू मिलकर मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों की पहचान के लिए किट विकिसत करेंगे। इसमें डेंगू, चिकनगुनिया जीका वायरस की जांच किट शामिल है। बुधवार को दोनों संस्थानों के बीच किट विकसित करने के लेकर करार हुआ।
बुधवार को सीडीआरआई में वन वीक वन थीम के तहत किफायती स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत की अनुसंधान एवं विकास प्राथमिकताएं विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सेन शर्मा ने किया। मुख्य अतिथि पार्थ सेन शर्मा ने स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। बीमारियों के इलाज, रोकथाम पर काम हो रहा है। सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने भारत के स्वास्थ्य देखभाल लक्ष्यों के साथ अनुसंधान और विकास के लिए सहयोगी मंच के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि सीडीआरआई एवं केजीएमयू के बीच आर्बोवायरल (डेंगु, चिकनगुनिया एवं जीका वायरस) संक्रमणों के लिए इन-हाउस टैकमैन जैसी प्रोब आधारित आरटी-पीसीआर डिटेक्शन किट विकसित की जाएगी। इससे जुड़े प्रोजेक्ट के लिए दोनों संस्थाओं के बीच करार हुआ। परियोजना प्रमुख डॉ. अतुल गोयल, डॉ. आशीष अरोड़ा तथा डॉ. नीति कुमार के साथ मिलकर सीडीआरआई से प्रोब का विकास करेंगे। जबकि केजीएमयू की डीन व माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन एवं उनकी टीम रोगी नमूनों पर किट का परीक्षण और सत्यापन करेंगी।
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