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यूपी सरकार का फैसला: शिक्षा मित्रों का मानदेय 3,500 से बढ़ाकर किया 10 हजार रुपये

उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा मित्रों का मानदेय 3,500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति माह कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव...

हिन्दुस्तान टीम लखनऊWed, 6 Sep 2017 05:38 PM
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उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा मित्रों का मानदेय 3,500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति माह कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मानदेय बढ़ाने से 1,65,157 शिक्षामित्रों को लाभ मिलेगा। 

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहली अगस्त 2017 से शिक्षा मित्रों को बढ़ा हुआ मानदेय दिया जाएगा। यह मानदेय 11 माह तक दिया जाएगा। जिन शिक्षामित्रों का बढ़े हुए मानदेय का लाभ मिलेगा, उनमें परिषदीय प्राइमरी विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में 1,37,000 शिक्षामित्र नियुक्त किए गए थे। उनकी नियुक्ति और समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इनके अलावा 28,157 शिक्षा मित्र के रूप में परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत हैं। 

राज्य अध्यापक पुरस्कार की धनराशि 25 हजार होगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बेसिक व माध्यमिक शिक्षा में राज्य अध्यापक  पुरस्कार की धनराशि 10 से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जाएगी। वहीं पुरस्कारों की संख्या बढ़ाई जाएगी। सभी 75 जिलों का प्रतिनिधित्व इसमें होगा। ये घोषणाएं उन्होंने राज्य अध्यापक पुरस्कार के वितरण समारोह में की। 


उन्होंने कहा कि पुरस्कार पाने वाले सभी शिक्षकों को 65 वर्ष की आयु तक सेवाविस्तार दिया जाएगा। वहीं पुरस्कार की ऑनलाइन व्यवस्था की सिफारिश करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी नेता की सिफारिश पर पुरस्कार न दिया जाए।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के शिक्षक देश-विदेश में पाए जाते थे। अब ऐसा नहीं है। प्रधानमंत्री की चिंता भी यही है कि यूपी देश को शिक्षक नहीं दे पा रहा। आज से 40-50 साल पहले हमारे शिक्षक दूरदराज तक पाए जाते थे। अंतराष्ट्रीय रेटिंग में हम कहीं नहीं दिखते। शिक्षकों को इस पर सोचना होगा। 

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