Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊImportance of Lal Kitab in Astrological Remedies Discussed in Lucknow

एलयू स्थापना दिवस सप्ताह:: पीपल के नीचे दीपक जलाने से शनि बलवान होकर भाग्य मजबूत करता: आचार्य गुप्त

- ज्योतिषीय उपचार में लाल किताब की महत्ता पर व्याख्यान हुआ लखनऊ, संवाददाता। एलयू

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 21 Nov 2024 07:10 PM
share Share

- ज्योतिषीय उपचार में लाल किताब की महत्ता पर व्याख्यान हुआ लखनऊ, संवाददाता।

एलयू के ज्योतिर्विज्ञान विभाग में ज्योतिषीय उपचार में लाल किताब की महत्ता पर व्याख्यान हुआ। लाल किताब के विशिष्ट वक्ता आचार्य आदित्य गुप्त ने कहा कि खगोलीय पिंड हमारे जीवन पर प्रभाव डालने में समर्थ हैं। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने का तार्किक कारण बताते हुए कहा कि यदि किसी की कुंडली में नवम भाव में शनि बैठा है तो उसे सरसों के तेल का दीपक पीपल पेड़ के नीचे जलाना चाहिए। पीपल का पेड़ गुरु का कारक है और सरसों का तेल शनि का कारक है। इसलिए शनि के नवम भाव में होने पर गुरु का उपाय करने से शनि बलवान होकर भाग्य को मजबूत करके शुभ फल देता है। उन्होंने बताया कि लाल किताब ज्योतिष की ऐसी विधा है जो उपचार के माध्यम से लाभ प्रदान कराती है।

आचार्य गुप्त ने कहा कि कुंडली में दूसरा, पांचवां, नौंवा, ग्यारहवां और बारहवां भाव गुरु का होता है। यदि इन भाव में शुक्र, बुध और राहु बैठा हो तो गुरु ग्रह को कमजोर करता है। अध्यक्षता कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. अरविन्द मोहन ने की। संचालन डॉ. अनिल कुमार पोरवाल ने किया।

कौवा, कुत्ता, गाय के लिए भोजन ग्रास निकालें

लाल किताब का इतिहास बताते हुए आचार्य ने कहा कि पहले हर परिवार में कौवा, कुत्ता और गाय के लिए भोजन का ग्रास निकाला जाता था। ये तीनों जानवर बुध, शुक्र और केतु से संबंधित हैं। आज भी जिस परिवार में इन तीन जानवरों के लिए भोजन ग्रास निकाला जाता है उस परिवार के लिए बुध, शुक्र और केतु हमेशा शुभ फल देते है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें