होम आइसोलेशन में मौत पर नहीं मिल रहा बीमा क्लेम
कोरोना काल में मृतक आश्रितों को बीमा क्लेम के लिए भटकना पड़ रहा, मेडिकल...
बीते डेढ़ माह में 550 लोगों ने बीमा के लिए क्लेम किया पर मेडिकल सर्टिफिकेट न मिलने से क्लेम मिलने में आ रही दिक्कत
केस- 1-नहीं मिला क्लेम
कोरोना संक्रमण के कारण फैजुल्लागंज निवासी विनोद कुमार की मृत्यु हो गई। उनके परिजनों ने 10 लाख रुपये का बीमा क्लेम किया लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र व मेडिकल सर्टिफिकेट न होने से क्लेम नहीं मिल सका।
केस- 2-साढ़ तीन लाख रुपये फंसे
बालागंज निवासी इंदिरा डेविड की पिछले महीने मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके बेटे सिद्धार्थ डेविड ने बीमा क्लेम किया, लेकिन मेडिकल सर्टिफिकेट न होने के कारण 3.50 लाख रुपये का बीमा क्लेम नहीं मिल सका।
केस- 3-बीमा क्लेम से मना किया
जानकीपुरम निवासी सरवन चौरसिया की मृत्यु होम आइसोलेशन के दौरान हो गई थी। परिजनों के मुताबिक दो लाख रुपये का बीमा था लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने मेडिकल सर्टिफिकेट न होने की बात कहकर बीमा क्लेम देने से मना कर दिया।
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लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता
होम आइसोलेशन में अधिकांश लोग स्वस्थ हुए तो कई लोगों की मौत भी हुई। लेकिन मेडिकल इंश्योरेंस कंपनियों से उन्हें बीमा क्लेम को लेकर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इंश्योरेंस कंपनियों ने होम आइसोलेशन पर होने वाले खर्च का क्लेम देने से मना कर दिया है।
कोरोना से शहर में पिछले एक महीने में पांच हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई। इनमें से कई मौतें होम आइसोलेशन के दौरान हुईं। लेकिन मृतक के परिजनों ने जब इंश्योरेंस कंपनियों से बीमा क्लेम मांगा तो कंपनियों ने होम आइसोलेशन में हुए इलाज का खर्चे का क्लेम देने से मना कर दिया। पिछले एक महीने में एलआईसी में करीब 550 बीमा क्लेम हुए। इनमें से अधिकांश क्लेम मृत्यु प्रमाण पत्र व मेडिकल सर्टिफिकेट न होने के कारण फंसे हुए हैं। पीड़ित परिजन बीमा एजेंट से लेकर बीमा कार्यालय तक चक्कर लगा रहे हैं।
चौक निवासी प्रवीण धवन कोरोना संक्रमित हुये थे। होम आइसोलेशन में स्वस्थ्य हुये। इस दौरान करीब 45 हजार रुपये खर्च हुये। उन्होंने 10 लाख का मेडिकल इंश्योरेंस कराया था, लेकिन मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी ने बीमा क्लेम देने से मना कर दिया। उदयगंज निवासी संजय गुप्ता कोरोना संक्रमित हुये थे। अस्पताल में बेड उपलब्ध न होने पर उन्होंने होम आइसोलेशन में रहकर इलाज किया। इस दौरान करीब 80 हजार रुपये का खर्च आया लेकिन मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी ने बीमा क्लेम देने से मना कर दिया।
वैकल्पिक प्रमाणपत्र का प्रावधान
अगर किसी बीमाधारक की अस्पताल में मौत होती है तो एलआईसी ने उसके लिए वैकल्पिक प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था कर दी है। ऐसी स्थिति में एलआईसी म्यूनिसिपल सर्टिफिकेट की जगह दूसरे प्रमाण भी मानेगी, जिसमें डिस्चार्ज समरी, डेथ समरी जरूरी है।
किसी भी शाखा में जमा कर सकते हैं प्रमाण पत्र
मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ बीमा का दावा करने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ विश्वसनीय रसीद को भी सबमिट करना होगा जो सक्षम अधिकारी द्वारा जारी की गई हो। जब ये सारे प्रमाण इकट्ठा हो जाएं तो दावा कर्ता को नजदीकी शाखा में जाकर जमा कर देना चाहिए।
क्लेम के लिए इनसे लें मदद
बीमा क्लेम के दौरान यदि कोई समस्या है तो दावाकर्ता www.licindia.com पर जाकर जानकारी ले सकते हैं, जिसमें बीमा खरीदना, प्रीमियम रिन्यूअल, लोन के अप्लिकेशन, लोन रिपेमेंट, एड्रेस चेंज, पैन के अप्डेशन के लिए आप वेबसाइट पर सभी काम कर सकते हैं। एलआईसी ने ग्राहकों को एनईएफटी की सुविधा दे दी है। कस्टमर पोर्टल के जरिए आप वहां जाकर अन्य तरह की सुविधाए उठा सकते हैं।
06 सौ बीमा क्लेम जनवरी से मार्च के बीच आते हैं
550 बीमा क्लेम मृत्यु के अप्रैल से अब तक आ चुके हैं
आईआरडीएआई से संपर्क करें
पॉलिसी खरीदने वाला व्यक्ति बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी या इरडा) के ग्राहक मामले विभाग के शिकायत निपटान प्रकोष्ठ में शिकायत कर सकता है। इसके लिए टोल फ्री नम्बर 155255 या 1800 4254 732 पर फोन किया जा सकता है या complaints@irdai.gov.in पर मेल किया जा सकता है।
बीमा क्लेम के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट व मृत्यु प्रणाम पत्र के साथ आवेदन करना होता है। वहीं होम आइसोलेशन के दौरान मेडिकल क्लेम मुश्किल है।
राजवीर सिंह
मंडल प्रबंधक, लखनऊ, एलआईसी
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