ग्लोबल भाषा का पीछा करते हुए हिन्दी का महत्व नहीं भूलना चाहिए
-बीबीएयू में शुरू हुआ हिन्दी पखवाड़ा -30 सितम्बर तक होंगी विविध प्रतियोगिताएं लखनऊ, कार्यालय संवाददाता
-बीबीएयू में शुरू हुआ हिन्दी पखवाड़ा -30 सितम्बर तक होंगी विविध प्रतियोगिताएं
लखनऊ, कार्यालय संवाददाता
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़ा का उद्घाटन किया गया। हिंदी प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय कैडेट कोर, संगीत क्लब और संगीत विभाग की ओर से हुए कार्यक्रम के अन्तर्गत 17 से 30 सितम्बर तक विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं सेमिनार का आयोजन होगा। कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट सुहानी सिंह कुशवाहा, शिखा कुमारी, आयुषी सिंह और आस्था को राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए और विश्वविद्यालय का नाम रोशन करने के लिए मेडल प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत तेजी से प्रगति करने वाला वह राष्ट्र है जो वैश्विक स्तर पर अपना स्थान बना रहा है। सांस्कृतिक दृष्टि से भी भारतीय इतिहास सदियों पुराना है। ऐसे में भाषा के पक्ष को ध्यान में रखते हुए हमें इसे पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास करने होंगे। साथ ही उन्होंने निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल दोहे का जिक्र करते हुए हिन्दी भाषा को उन्नति का आधार बताया। कुलपति प्रो. एनएमपी वर्मा ने कहा कि हिन्दी भाषा भारतीयों के लिए महज एक भाषा नहीं बल्कि धरोहर है। दूसरी ओर आज वैश्वीकरण के दौर में ग्लोबल लैंग्वेज के पीछे भागते-भागते हमें अपनी मातृभाषा हिन्दी का महत्व नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि हिन्दी हमारे इतिहास, संस्कृति और पहचान का अटूट हिस्सा है। सूचना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो. एम.पी. सिंह हिन्दी पखवाड़ा भारत की सांस्कृतिक विविधता एवं एकता का उत्सव है। हमें सामंजस्यपूर्ण भारत का निर्माण करने के लिए हिन्दी भाषा का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि एकता एवं अखंडता ही हमारे देश की वास्तविक पहचान है। डॉ. शिव कुमार त्रिपाठी ने शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का संदेश पढ़कर सुनाया। इस मौके गायन प्रतियोगिता भी हुई। निर्णायक मण्डल में डा. श्रीकांत शुक्ला, डा. आरती, गायिका डा. श्वेता वर्मा शामिल रहीं।
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