कानपुर के पूर्व एसीपी मोहसिन खान के निलंबन पर रोक
Lucknow News - लखनऊ हाईकोर्ट ने कानपुर में तैनात एसीपी मो. मोहसिन खान के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा कि शादीशुदा होते हुए दूसरी महिला के साथ शारीरिक संबंध कदाचार नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 28...

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कानपुर में तैनात रहे एसीपी मो. मोहसिन खान के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है। याची की ओर से दलील दी गई कि शादीशुदा होते हुए दूसरी महिला के साथ शारीरिक सम्बंध सेवा नियमावली के तहत कदाचार की श्रेणी में नहीं आता। न्यायालय ने भी प्रथमदृष्टया इस दलील से सहमति जताई और राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है। साथ ही निलंबन पर स्थगन आदेश पारित किया है। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने मो. मोहसिन खान की सेवा संबंधी याचिका पर पारित किया।
याची के विरुद्ध कानपुर नगर के कल्याणपुर थाने में आईआईटी कानपुर की एक छात्रा ने एफआईआर दर्ज कराते हुए शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बंध बनाने का आरोप लगाया है। याची की ओर से दलील दी गई कि उक्त एफआईआर के सम्बंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोप पत्र दाखिल करने पर रोक लगा दी है। याची के वरिष्ठ अधिवक्ता लालता प्रसाद मिश्रा का कहना था कि एडीजीपी ने 6 मार्च 2025 को निलंबन के लिए जो संस्तुति दी है, वह उन्होंने स्वतंत्र मस्तिष्क का प्रयोग किए बिना दिया है। यह भी तर्क था कि उन्हें दूसरी महिला से यौन संबध रखने के आरोप में निलंबित किया गया है, जबकि इस प्रकार का आरोप कदाचार की श्रेणी में नहीं आता है। आगे तर्क दिया गया कि यूपी सरकारी सेवक आचरण नियमावली के नियम 29 के तहत पत्नी के रहते दूसरी महिला से विवाह करना तो कदाचार की श्रेणी में आता है लेकिन पत्नी के रहते दूसरी महिला से यौन सम्बंध रखना कदाचार नहीं कहा जा सकता है।
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