अब्बास अंसारी के दावे के विरोध में एलडीए बना पक्षकार
Lucknow News - जियामऊ की निष्क्रांत सम्पत्ति पर कब्जे के मामले में एलडीए ने हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए आदेश दिया है। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी,...
जियामऊ की निष्क्रांत सम्पत्ति पर कब्जे करने के मामले में एलडीए ने उसे पक्षकार बनाए जाने के संबंध में हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार्य करते हुए पक्ष रखने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने अब्बास अंसारी, आसमा हुसैन, फराज हुसैन और नदीम उर रहमान के पक्ष से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में उक्त जमीन को एसडीएम सदर द्वारा निष्क्रांत सम्पत्ति घोषित किए जाने के आदेश को चुनौती दी गई है। एलडीए की ओर से मामले में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए कहा गया कि उक्त सम्पत्ति पर पूर्व में रहे निर्माण को ध्वस्त किया जा चुका है व नया निर्माण भी एलडीए ने करवा दिया है, इसके बावजूद उसे मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया है। वहीं न्यायालय ने यह भी पाया कि शीर्ष अदालत द्वारा नौ जनवरी को निर्माण पर रोक भी लगाया गया है। न्यायालय ने कहा कि हमारे सामने विषय यह नहीं है कि एलडीए द्वारा नया निर्माण करवाया जा चुका है अथवा नहीं और न ही ध्वस्तीकरण के सम्बंध में वर्तमान याचिकाएं दाखिल हुयी हैं। न्यायालय ने कहा कि वर्तमान याचिकाएं एसडीएम के आदेश के विरुद्ध दाखिल की गई हैं लिहाजा उसी विषय पर सुनवायी होगी। इसके साथ ही न्यायालय ने उक्त केस से सम्बंधित सभी दस्तावेजों को तलब कर उनका मुआयना करने के लिए सील कवर में रखने का भी आदेश दिया है।
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